वाराणसी का बहुप्रतिक्षित कज्जाकपुरा फ्लाईओवर 13 दिसंबर से शुरू हुआ। तेलियाना फाटक और कज्जाकपुरा फाटक को जाम मुक्त करने के लिए इसका निर्माण हुआ पर इसके बनने के बाद जाम की समस्या का समाधान नहीं हुआ और समस्या बढ़ गयी। शहर का यह 1300 मीटर से अधिक लंबा फ्लाईओवर तेलियाना फाटक के पहले गिर रहा है। ऐसे में यह जाम का सबब बन रहा है क्योंकि यहां रास्ता पतला है और भदऊचुंगी से आने वाले वाहन और गोलगड्डा से आने वाले वाहनों के फ्लो से जाम की स्थिति बन रही है। जिसे छुड़ाने में पुलिस का पसीना छूट जा रहा है। बढ़ गया जाम
वाराणसी का बहुप्रतिक्षित कज्जाकपुरा फ्लाईओवर आवाजाही के लिए शुरू हो गया है। इस डबल आरओबी पुल की कुल लंबाई 1355 मीटर है। फ्लाईओवर से नक्खी घाट क्रासिंग, तेलियानाला रेलवे क्रासिंग की वजह से लगने वाला जाम समाप्त होने की आशंका थी। लेकिन 6 साल में 144 करोड़ लागत से बनकर तैयार हुए इस फ्लावर से जाम की समस्या और बढ़ गई है। रेंगते रहे वाहन
रविवार और सोमवार की शाम 4 बजे के बाद फ्लाईओवर जाने वाले रस्ते पर वाहन रेंगते नजर आये। गोलगड्डा से लेकर कज्जाकपुरा फ्लाईओवर तक गाड़ियों की कतार लगी रही। लोग परेशान दिखे। लोगों ने कहा – इस फ्लाईओवर को कहीं और गिरना चाहिए था। संकरे स्थान पर गिरने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस ने संभाली थी कमान
जाम छुड़ाने के लिए चौकी इंचार्ज हनुमान फाटक अभय गुप्ता मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने अपने हमराहियों संग जाम को छुड़वाया और वाहनों की कतार खत्म कराई। वहीं इस दौरान पैदल लोग फ्लाईओवर पर चढ़कर आनंद और सेल्फी लेते दिखाई दिए। 6 साल में बनकर हुआ तैयार
साल 2019 से पहले गाजीपुर और सारनाथ से वाहन इसी रास्ते से कज्जाकपुरा क्रासिंग होकर शहर में प्रवेश करते थे। उस जाम को देखते हुए तत्कालीन राज्य मंत्री और शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी के प्रयासों से सरकार ने इस पुल की संस्तुति की थी। जिसका निर्माण कार्य साल 2019 से शुरू हुआ और 6 सालों में यह बनकर तैयार हुआ।
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