वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में कड़ाके की ठंड और घने कोहरे का प्रकोप जारी है। सुबह और देर रात दृश्यता बेहद कम होने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं खेतों में खड़ी फसलों पर भी इसका असर दिखना शुरू हो गया है। किसानों का कहना है कि कोहरे और पाले के कारण आलू और सरसों की फसल पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। वर्तमान में सरसों की फसल फूल आने की अवस्था में है, जबकि आलू तेजी से बढ़ रहा है। लगातार घना कोहरा और बढ़ी ठंड पौधों में नमी बढ़ा रही है, जिससे पत्तियों पर पाले की परत जमने लगी है। यह स्थिति फसलों के सामान्य विकास को बाधित कर रही है। राजातालाब क्षेत्र के किसान कमलेश सिंह और सुखदेव ने बताया कि सरसों में फूल आने के समय यदि कोहरा लगातार बना रहता है, तो कीट लगने का खतरा बढ़ जाता है। इससे फूल झड़ सकते हैं और दानों का विकास ठीक से नहीं हो पाता। उन्होंने आशंका जताई कि इससे पैदावार में भारी गिरावट आ सकती है। स्थानीय कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, जहां गेहूं की फसल को ठंड से कुछ लाभ मिलता है, वहीं सरसों और आलू के लिए यह मौसम घातक साबित हो सकता है। यदि मौसम विभाग अगले कुछ दिनों में सुधार की संभावना नहीं जताता, तो किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय करने होंगे। किसानों का कहना है कि यदि आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव नहीं होता, तो सरसों और आलू की उपज में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। इससे उनकी आय पर गहरा असर पड़ेगा और खेती की लागत वसूलना भी मुश्किल हो जाएगा।
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