कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) अस्पताल के मरीजों को निशुल्क मिलने वाली दवाओं की अवैध बिक्री के मामले में फव्वारा दवा बाजार स्थित वर्दान मेडिकल एजेंसी, जिसके मालिक अंकुर अग्रवाल हैं, पर दूसरे दिन भी औषधि विभाग की कार्रवाई जारी रही। जांच में बड़ी मात्रा में BP और शुगर की दवाओं की अवैध सप्लाई सामने आई है। मुख्यालय के निर्देश पर औषधि विभाग की टीम ने गुरुवार को फव्वारा दवा बाजार स्थित वर्दान मेडिकल एजेंसी पर छापेमारी की थी। यह फर्म और दुकान अंकुर अग्रवाल की है। करीब आठ घंटे चली कार्रवाई के बाद रिकॉर्ड और स्टॉक की जांच अधूरी रहने पर मेडिकल एजेंसी को सील कर दिया गया था। शुक्रवार को दूसरे दिन भी जांच और कानूनी प्रक्रिया जारी रही। जांच के दौरान “नॉट फॉर सेल” मुहर लगी ESI अस्पताल सप्लाई की दवाओं की बड़ी खेप बरामद हुई। इनमें 1300 जोस्टैन-ओ एंटीबायोटिक टैबलेट के अलावा BP और शुगर से जुड़ी दवाएं सबसे अधिक मात्रा में पाई गईं। इसके साथ ही ओरोफर एक्सीएम आयरन टैबलेट सहित अन्य दवाओं के नमूने भी जांच के लिए जब्त किए गए हैं। सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि एजेंसी की जांच के आदेश मुख्यालय से प्राप्त हुए थे। कार्रवाई मैनपुरी के औषधि निरीक्षक दीपक कुमार और आगरा के औषधि निरीक्षक कपिल शर्मा ने संयुक्त रूप से की। फिलहाल यह भी जांच चल रही है कि वर्दान मेडिकल एजेंसी से ये दवाएं कहां-कहां सप्लाई की जा रही थीं। पूछताछ के दौरान एजेंसी संचालक अंकुर अग्रवाल ने पहले टीम को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में हाकर से दवाएं खरीदने की बात स्वीकार की। औषधि विभाग अब सरकारी और ESI अस्पतालों की दवाओं की अवैध खरीद-फरोख्त में शामिल अन्य दुकानदारों की भूमिका की भी जांच कर रहा है। गौरतलब है कि गुरुवार को छापेमारी की खबर फैलते ही फव्वारा दवा बाजार में हड़कंप मच गया था और कई थोक दवा दुकानों ने अपने शटर गिरा लिए थे। हालांकि शुक्रवार को दूसरे दिन सभी आसपास के दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोल रखी हैं, जिससे बाजार का माहौल सामान्य नजर आया। औषधि विभाग ने साफ किया है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और ESI की निशुल्क दवाओं की कालाबाजारी से जुड़े पूरे नेटवर्क को उजागर किया जाएगा।
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