कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) अस्पताल के मरीजों को निशुल्क दी जाने वाली दवाओं की अवैध बिक्री के मामले में फव्वारा दवा बाजार स्थित वर्दान मेडिकल एजेंसी पर औषधि विभाग की कार्रवाई तीसरे दिन भी जारी रहेगी। जांच में स्टॉक और रिकॉर्ड में अंतर पाया गया है। पहले दिन की कार्रवाई में कुल 1300 एंटीबायोटिक टैबलेट बरामद की गई थीं, जिनमें BP और शुगर से संबंधित दवाओं की मात्रा सबसे अधिक पाई गई थी। एजेंसी को पहले ही सील किया जा चुका है। मुख्यालय के निर्देश पर गुरुवार को औषधि विभाग की टीम ने अंकुर अग्रवाल की वर्दान मेडिकल एजेंसी पर छापेमारी की थी। करीब आठ घंटे चली कार्रवाई में रिकॉर्ड और स्टॉक की जांच अधूरी रहने पर मेडिकल एजेंसी को सील कर दिया गया था। शुक्रवार को दूसरे दिन पूरे दिन जांच और कानूनी प्रक्रिया जारी रही, जिसमें दवाओं के स्टॉक में अंतर सामने आया। जांच के दौरान टीम ने ESI अस्पताल सप्लाई की “नॉट फॉर सेल” मुहर लगी जोस्टैन-ओ एंटीबायोटिक टैबलेट के 12 डिब्बे जब्त किए। इसके साथ ही ओरोफर एक्सीएम टैबलेट के नमूने भी परीक्षण के लिए लिए गए हैं। ये दवाएं ESI अस्पताल में मरीजों को निशुल्क वितरण के लिए सप्लाई की जाती हैं। सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय के अनुसार, जांच के आदेश मुख्यालय से प्राप्त हुए थे। कार्रवाई मैनपुरी के औषधि निरीक्षक दीपक कुमार और आगरा के औषधि निरीक्षक कपिल शर्मा ने संयुक्त रूप से की। विभाग अब यह भी जांच कर रहा है कि सरकारी और ESI अस्पतालों की दवाएं बाजार में बिक्री के लिए कैसे पहुंचीं और इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है। औषधि विभाग ने स्पष्ट किया है कि जांच शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहेगी। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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