शामली जनपद की कैराना और ऊन तहसील के 32 गांवों के लगभग 200 किसानों ने वन विभाग द्वारा जारी नोटिस के विरोध में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। भाजपा नेता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनीष चौहान के नेतृत्व में किसानों ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई। किसानों का कहना है कि वे इन 32 गांवों की चकबंदी कास्त भूमि पर पिछले 70 वर्षों से अधिक समय से खेती कर रहे हैं। उनके पास भूमि के खाता-खतौनी और दाखिल-खारिज के सभी वैध रिकॉर्ड मौजूद हैं। उनका दावा है कि इस भूमि पर वन विभाग का पहले कभी कोई हस्तक्षेप या विवाद नहीं रहा। किसानों के अनुसार, वन विभाग ने 1955 के पुराने आंकड़ों के आधार पर इस भूमि को वन भूमि घोषित कर दिया है। विभाग अब इस भूमि को राजस्व विभाग से अपने नाम स्थानांतरित करने का प्रयास कर रहा है। किसानों ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई बिना किसी न्यायालयी आदेश के की जा रही है। प्रदर्शनकारी किसानों ने जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान से मांग की कि वन विभाग का नोटिस तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और किसानों के साथ न्याय सुनिश्चित किया जाए। भाजपा नेता मनीष चौहान ने कहा कि वे किसानों के साथ किसी भी सूरत में अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे और उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे, चाहे इसके लिए आंदोलन करना पड़े या कानूनी रास्ता अपनाना पड़े। किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि वे अपनी पुश्तैनी भूमि किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि वन विभाग का यह फैसला पूरी तरह गलत है। जिलाधिकारी ने किसानों की शिकायतें ध्यानपूर्वक सुनीं और उन्हें मामले की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
https://ift.tt/izDC18q
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply