वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों ने न्यूनतम वेतनमान बढ़ाने की मांग को लेकर मैनपुरी स्थित कार्यालय पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। श्रमिकों का आरोप है कि 18 हजार रुपए प्रतिमाह का न्यूनतम वेतनमान लागू नहीं किया जा रहा है, जबकि वे पिछले 24 घंटे से भूख हड़ताल पर हैं। श्रमिकों ने बताया कि वे पिछले 11 से 28 वर्षों से वृक्षारोपण, पौधारोपण और जंगलों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि शासन ने वर्ष 2024 में दैनिक वेतनमान 18,000 रुपए प्रतिमाह तय किया था। न्यायालय के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में यह वेतनमान लागू हो चुका है, लेकिन मैनपुरी में इसे अब तक लागू नहीं किया गया है। श्रमिकों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी केवल आश्वासन देकर चले जाते हैं और जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होती। इसी लापरवाही के विरोध में उन्होंने भूख हड़ताल का रास्ता चुना है। श्रमिकों ने कहा कि विभागीय अधिकारी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। किशनी से सपा विधायक बृजेश कठेरिया भी धरना स्थल पर पहुंचे और श्रमिकों को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि वह उचित वेतनमान दिलाने के लिए हर स्तर पर आवाज उठाएंगे। विधायक ने आरोप लगाया कि यदि राज्य के अधिकतर जिलों में आदेश लागू हो चुका है, तो मैनपुरी में इसे रोककर श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। श्रमिकों ने बताया कि वे बुधवार को भी जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन मिला। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे धरना स्थल पर डटे रहेंगे और किसी भी आश्वासन पर भरोसा नहीं करेंगे। श्रमिकों ने साफ कहा कि यदि जल्द वेतनमान लागू नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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