मैनपुरी में मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित डीएम कार्यालय पर वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों ने वेतनमान बढ़ाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। इन श्रमिकों का कहना है कि वे 11 से 28 वर्षों से वृक्षारोपण, पौधारोपण और बौद्ध शालाओं में लगातार कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें आज भी न्यूनतम वेतन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। श्रमिकों ने आरोप लगाया कि शासन ने वर्ष 2024 में ही दैनिक वेतनमान को 18,000 रुपए प्रतिमाह करने का आदेश जारी किया था। हालांकि, जिला स्तर पर वन विभाग के निरीक्षक और संबंधित अधिकारी इस आदेश को लागू नहीं कर रहे हैं, जिससे श्रमिकों के जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है। श्रमिकों ने बताया कि विभागीय लापरवाही के कारण उनका वेतन आज भी बहुत कम है, जबकि वे वर्षों से विभागीय कार्यों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। वे पौधारोपण, जंगलों की सुरक्षा और बौद्ध शालाओं की देखरेख जैसे कई कार्य ईमानदारी से करते आए हैं। उचित वेतन न मिलने के कारण उनके परिवारों को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक श्रमिकों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि वन विभाग में कार्यरत सभी श्रमिकों को तत्काल शासन के आदेशानुसार 18,000 रुपए प्रतिमाह वेतनमान दिया जाए। साथ ही, अधिकारियों के स्तर पर हो रही लापरवाही की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि यदि समय पर उचित वेतनमान नहीं मिला तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिलाधिकारी इस मामले में हस्तक्षेप कर उनकी समस्या का समाधान करेंगे।
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