डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में आउटसोर्सिंग भर्ती में घूसखोरी की शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायतकर्ता ने इसमें एक रेजिडेंट डॉक्टर की भूमिका होने और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की बात कही है। हालांकि, संस्थान प्रशासन ने शिकायत और शिकायतकर्ता दोनों के फर्जी होने की बात कही है। संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह के पास 17 नवंबर आजमगढ़ के सिरौली पिपरा गांव निवासी संत शरण यादव के नाम से शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायती पत्र में पोती को आउटसोर्सिंग के माध्यम से नौकरी दिलाने के लिए दिसंबर 2024 के दौरान संस्थान आए थे। डेढ़ लाख रुपए में भर्ती कराने का झांसा दिया यहां कर्मचारी ने उनसे सेवा योजन पोर्टल पर पंजीकरण के बाद डेढ़ लाख रुपए में भर्ती कराने का झांसा दिया। मामला एक लाख रुपए में तय हुआ। 70 हजार रुपए लेने के बाद भी नौकरी नहीं मिली। शिकायतकर्ता ने 30 हजार रुपए ऑनलाइन भेजने का स्क्रीनशॉट भी संलग्न किया है। जांच रिपोर्ट में शिकायत मिली फर्जी डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के सीएमएस प्रो. विक्रम सिंह ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद साक्ष्य देने के लिए शिकायतकर्ता को स्पीड पोस्ट से पत्र भेजा गया था। वहां इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। शिकायती पत्र में मोबाइल नंबर भी नहीं था। इसके बावजूद रेजिडेंट डॉक्टर और कर्मी का बैंक स्टेटमेंट देखा गया, उसमें भी कुछ नहीं मिला। जांच रिपोर्ट में शिकायत और शिकायतकर्ता दोनों फर्जी पाए गए।
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