जिले के मिल्कीपुर तहसील में एक लेखपाल पर सार्वजनिक चकमार्ग पर अवैध कब्जे से संबंधित गलत रिपोर्ट लगाने और शिकायतकर्ता के फर्जी हस्ताक्षर करने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित धर्मराज ने उपजिलाधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। एसडीएम ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश जारी किए हैं। खण्डासा गांव निवासी धर्मराज पुत्र शोभाराम ने 6 दिसंबर को तहसील समाधान दिवस में गाटा संख्या 2512/0.047 हेक्टेयर पर सार्वजनिक चकमार्ग पर अवैध कब्जे की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत की संदर्भ संख्या 30090325002225 थी। धर्मराज का आरोप है कि संबंधित लेखपाल ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि की मिलीभगत से 18 दिसंबर को बिना मौके पर जांच किए ही एक झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। इस रिपोर्ट में चकमार्ग गाटा संख्या 2512 को 0.014 हेक्टेयर दर्शाया गया और शिकायतकर्ता के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें चकमार्ग को खाली बताया गया। जबकि धर्मराज का कहना है कि गाटा संख्या 2512 का वास्तविक क्षेत्रफल 0.047 हेक्टेयर है। पीड़ित के अनुसार, इस झूठी रिपोर्ट के आधार पर उसकी शिकायत को गलत तरीके से निस्तारित कर दिया गया। धर्मराज ने इसे अनियमित, पक्षपातपूर्ण और भ्रष्टाचार से प्रेरित कार्य बताया है, जिससे अवैध कब्जा करने वाले व्यक्तियों को लाभ मिल रहा है और सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा बरकरार है। धर्मराज ने एसडीएम से शिकायत की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर की फॉरेंसिक जांच और झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले लेखपाल के खिलाफ विभागीय दंडात्मक कार्रवाई की भी अपील की है। उपजिलाधिकारी सुधीर कुमार ने मामले का संज्ञान लेते हुए प्रभारी निरीक्षक थाना खंडासा और राजस्व निरीक्षक को नियमानुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। वहीं, क्षेत्रीय लेखपाल का कहना है कि रिपोर्ट लगाने में गलती हो गई है और चकमार्ग को पुनः खाली कराकर रिपोर्ट लगाई जाएगी।
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