ललितपुर में शुक्रवार को सफेरा समुदाय के लोगों ने बैंगा जाति का प्रमाण पत्र जारी करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में बीन बजाकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि दो गांवों में बैंगा जाति के प्रमाण पत्र नहीं बनाए जा रहे हैं। इस प्रदर्शन में 20 से अधिक महिलाएं और पुरुष शामिल थे। उन्होंने बताया कि बैंगा जाति के लोग उत्तर प्रदेश की सभी तहसीलों और ब्लॉकों के गांवों में निवास करते हैं। उनकी मुख्य मांगों में बैंगा समाज के किसी व्यक्ति के आकस्मिक निधन पर सरकार द्वारा आर्थिक सहायता, सरकारी योजनाओं का लाभ और सभी बैंगा समाज के लोगों को भूमि पट्टा आवंटन शामिल है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी बताया कि वन्यजीव अधिनियम के तहत सर्पों के राष्ट्रीयकरण से उनका पारंपरिक धंधा चौपट हो गया है। उन्होंने कहा कि गांवों और शहरों में सर्प पकड़ने का काम बैंगा सफेरा समाज के लोग ही करते हैं, इसलिए सरकार को उन्हें ‘सर्पमित्र’ का काम देना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि जिस प्रकार मछुआरा समाज, बंजारा समाज और शिल्पकार समाज को विशेष योजनाओं के तहत अलग-अलग लाभ दिए जाते हैं, उसी प्रकार बैंगा समाज को भी लाभ मिलना चाहिए। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक बैंगा परिवार को आवास और शौचालय उपलब्ध कराए जाने की मांग भी की गई। उन्होंने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में बैंगा समाज के जाति प्रमाण पत्र जारी हो चुके हैं, लेकिन महरौनी तहसील के कुछ गांवों में अभी भी ये प्रमाण पत्र नहीं बन पाए हैं।
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