लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में मनुस्मृति दहन के प्रयास के दौरान पुलिस ने छात्रों पर पानी की बौछार की और कई को हिरासत में ले लिया। यह घटना बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के सामने हुई। बिरसा अंबेडकर फुले छात्र संगठन (BAPSA) ने मनुस्मृति दहन दिवस के अवसर पर महाराजा बिजली पासी जयंती मनाई। संगठन के पदाधिकारियों ने जैसे ही मनुस्मृति दहन का प्रयास किया, पुलिस प्रशासन ने हस्तक्षेप किया। छात्रों पर पानी फेंका गया और उन्हें हसनगंज थाने में हिरासत में ले लिया गया। यह पूरा घटनाक्रम विश्वविद्यालय परिसर के भीतर हुआ। ‘मनुस्मृति एक समता और समानता विरोधी ग्रंथ’ बापसा अध्यक्ष मानव रावत ने इस दौरान कहा कि मनुस्मृति एक समता और समानता विरोधी ग्रंथ है, जो शूद्रों और महिलाओं को असमानता की दृष्टि से देखता है। उन्होंने इस पुस्तक के विरोध और दहन को आवश्यक बताया।रावत ने बहराइच में न्यायालय द्वारा मनुस्मृति को उद्धृत किए जाने का भी उल्लेख किया, जिसे उन्होंने इस विरोध प्रदर्शन का एक कारण बताया। ये लोग शामिल हुए इस मौके पर मानव रावत, एडवोकेट अंकित कुमार गौतम, एडवोकेट आकाश कठेरिया, अमितेश पाल, अश्विनी कुमार, शुभम भारती, अभय कुमार और अभिषेक कुमार सहित कई सदस्य उपस्थित थे।
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