लखनऊ के रूमी दरवाजा पर अवैध पार्किंग से पर्यटक परेशान है। रेनोवेशन के बाद रूम गेट की तस्वीर तो बदल गई मगर रूमी गेट के साथ सेल्फी लेना बेहद मुश्किल हो गया।रूमी दरवाजे के चारों ओर 4 चार पहिया वाहन , बस ई-रिक्शा और ठेले नजर आ रहे हैं । साल 2022 के 2024 नवंबर तक इस दरवाजे रेनेवेशन कार्य चला जिसमे डेढ़ करोड़ से अधिक खर्च हुआ। हुसैनाबाद ट्रस्ट की देखरेख में ये इमारत है । जिसको भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की लखनऊ शाखा ने ठीक करवाने का बेड़ा उठाया था । स्ट्रक्चर को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया और इंडिया गेट की तर्ज पर विकसित किया गया । हूबहू ताजमहल की तरह यहां भी दरवाजे के सामने बेंच बनाई गई जिसपर बैठकर लोग अट्रैक्टिव सेल्फी क्लिक कर सकें। लेकिन पार्किंग की वजह से पर्यटकों निराश होकर जाना पड़ता है। चार पहिया वाहन से ₹30 पार्किंग शुल्क वसूला जाता है । वहीं बस से ₹100 लिया जाता है जो पार्किंग की पर्ची दी जाती है उस पर किसी भी संस्था या विभाग का नाम नहीं होता है । बढ़िया पर्यटकों ने क्या कहा ‘रूम गेट के आसपास गाड़ियां प्रतिबंधित होना चाहिए’ दिल्ली से आई अंशिका ने कहा कि रूमी गेट देखने आए थे। यह सोचकर लखनऊ आई थी कि यहां खूबसूरत इमारतें और बहुत कुछ है मगर यहां रूमी गेट के सामने गाड़ियों के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा। अगर यह खूबसूरत मॉन्यूमेंट्स बिना गाड़ियों के होते तो और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आते। हर तस्वीर में सिर्फ गाड़ियां नजर आती हैं हमें एक भी अच्छा व्यू नहीं मिल रहा। हमारी सेल्फी में सिर्फ ऊपर का हिस्सा थोड़ा सा रूमी गेट का आता है बाकी चारों तरफ गाड़ियां ही दिखती है बेहद मायूस हो रहे हैं बिल्कुल भी मजा नहीं आ रहा है। हमारे दिल्ली में इंडिया गेट से पार्किंग बहुत दूर है जिसकी वजह से लोग उस खूबसूरत इमारत को इंजॉय कर सकते हैं। ‘तस्वीरें खराब हो रही है’ गुड़गांव से आए साकेत ने कहा कि हम लोग रूमी दरवाजा देखने आए थे मगर सिर्फ ट्रैफिक देख रहे हैं। यह रूमी दरवाजा जगह बहुत अच्छी है मगर गाड़ियों ने यहां के माहौल को खराब कर दिया है। तस्वीरें लेने में बहुत परेशानी हो रही है गाडियों ने पूरी जगह ले लिया है। सारी फोटोग्राप्स गाड़ियों के साथ आ रही है। विदेश में गलत संदेश जाता है सुधांशू चौधरी ने कहा कि रूमी गेट तो बहुत अच्छा है मगर इसके आसपास खड़ी गाड़ियों और अन्य चीजों ने बहुत डिस्टरबेंस पैदा किया। ढेर सारी गाड़ियां ट्रैफिक की वजह से मजा नहीं आ रहा है। ऐतिहासिक इमारत है इसको अच्छे से रखना चाहिए मगर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा। इस वजह से हम लोग ना ठीक से घूम पाते हैं और ना ही अच्छी तस्वीर आती है । हम लोगों को बेहद मायूसी हो रही है जो चीज देखने आए हैं वह नहीं देख पा रहे हैं बाकी सब दिख रहा है । बाहर से जो विदेशी पर्यटक देखने आते हैं तो एक गलत संदेश यहां से जाएगा। 1 KM का सफर एक घण्टे में नवाबीन-ए- अवध नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने कहा रूमी गेट से हमारा घर 1 किलोमीटर की दूरी पर है मगर पहुंचने में एक घंटा लग जाता है। पार्किंग की समस्या बेहद गंभीर है । उन्होंने कहा कहा रूमी गेट के पास नो ह्वीकल जोन होना चाहिए। जो वाहन यहां पार्क किए जाते हैं उनको नीबू पार्क जाने वाली रोड पर शिफ्ट करना सही रहेगा। क्योंकि पार्किंग के कारण गेट की खूबसूरती खत्म हो रही है। इस संबंध में हम कई बार जिला प्रशासन के साथ वार्ता कर चुके हैं मगर हल नहीं निकला।
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