लखनऊ मेट्रो के सेकेंड फेस को लेकर के तैयारियां तेज हो गई है। केंद्र सरकार से 5801 करोड़ के बजट को मंजूरी मिलने के बाद अब मेट्रो प्रशासन ने इसको जमीन पर उतरने का काम शुरू कर दिया है। स्टेशनों के लिए मिट्टी का सैंपल होने के बाद अब मेट्रो प्रशासन ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को पत्र भेज कर स्टेशन के लिए जमीन की मांग की है। जमीनों को लेकर के दोनों विभागों के बीच शासन स्तर पर बैठक भी हो चुकी है। जहां कुछ शर्तों को लेकर एक अंतिम बैठक और होनी है। 4.2 किमी एलिवेटेड और 6.8 किमी अंडरग्राउंड रूट होगा लखनऊ मेट्रो के फेज- 2 में चारबाग से वसंत कुंज तक 11 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मेट्रो दौड़ेगी। उसमें एलिवेटेड और अंडरग्राउंड रूट होगा। एलिवेटेड रूट की लंबाई 4.286 किलोमीटर और अंडरग्राउंड की 6.879 किलोमीटर होगी। यह मेट्रो लाइन घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरेगी। इस वजह से अंडरग्राउंड रूट की लंबाई अधिक ज्यादा है। घनी आबादी वाले इलाकों जमीन का संकट मेट्रो प्रशासन इन लखनऊ विकास प्राधिकरण को पत्र भेज करके चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग, चौक स्थित राम मनोहर लोहिया पार्क, वसंत कुंज स्थित राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल और हरदोई रोड स्थित मछली मंडी के पास जमीन की मांग की है। इसे लेकर दोनों विभागों में बैठकें का दौर शुरू हो गया है। दोनों अफसरों में कुछ शर्तों को लेकर आखिरी बैठक होंगी है। ब्लू लाइन पर 12 स्टेशन होंगे, चारबाग में बनेगा इंटरचेंज स्टेशन लखनऊ मेट्रो की ब्लू लाइन चारबाग में फेज- 1 से जुड़ेगी। चारबाग में ही इंटरचेंज स्टेशन बनेगा। इस रूट पर कुल 12 स्टेशन होंगे। उनमें चारबाग, गौतमबुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल कॉलेज चौराहा और चौक अंडरग्राउंड होंगे। ठाकुर गंज, बालागंज, सरफराज गंज, मूसाबाग और वसंतकुंज एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन होंगे। पुराना लखनऊ जुड़ेगा, KGMU पहुंचने में होगी आसानी यह मेट्रो लाइन रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और एयरपोर्ट को KGMU से कनेक्ट करेगी। इससे प्रदेश भर से KGMU में इलाज कराने आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी सुविधा मिलेगी। इस मेट्रो लाइन से पुराना लखनऊ कनेक्ट हो जाएगा। अमीनाबाद और चौक की राह बहुत आसान हो जाएगी। इससे अमीनाबाद और चौक में खरीदारी करने वाले ग्राहकों और दुकानदारों को खूब फायदा मिलेगा। राहगीरों को भी जाम की समस्या से निजात मिलेगी। पहले फेज में 6,928 करोड़ रुपए खर्च हुए थे लखनऊ मेट्रो के फेज-1 के निर्माण में 6,928 करोड़ रुपए का खर्च आया था। यह मेट्रो लाइन एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया को जोड़ती है। मौजूदा समय हर रोज इससे करीब 30 हजार यात्री सफर करते हैं। यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर को PIB से मंजूरी एक बड़ी उपलब्धि है। लखनऊ की शहरी आबादी के लिए यह प्रोजेक्ट बेहद अहम है।
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