केजीएमयू से जुड़े लव जिहाद और धर्मांतरण मामले में नया मोड़ आया है। पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपनी पूरी आपबीती साझा की। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया है। वहीं, मामले का मुख्य आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर रमीजुद्दीन नायक उर्फ रमीज मलिक अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। मुख्यमंत्री से गोपनीय मुलाकात, कार्रवाई का भरोसा केजीएमयू धर्मांतरण केस की पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। यह मुलाकात पूरी तरह गोपनीय रखी गई। पीड़िता ने मुख्यमंत्री के सामने अपने साथ हुई घटनाओं का विस्तार से जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीर बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सूत्रों के अनुसार, सीएम स्तर से पूरे प्रकरण की निगरानी के निर्देश भी दिए गए हैं। अब तक आरोपी डॉक्टर गिरफ्त से बाहर केजीएमयू लव जिहाद और धर्मांतरण मामले का आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर रमीजुद्दीन नायक उर्फ रमीज मलिक अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लग सका है। लखनऊ और उत्तराखंड स्थित उसके संभावित ठिकानों पर पुलिस की टीमों ने दबिश दी, लेकिन हर बार पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। सर्विलांस और मुखबिर तंत्र किया गया एक्टिव आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने सर्विलांस और मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर दिया है। मोबाइल सर्विलांस, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है। पुलिस का मानना है कि आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है, जिससे गिरफ्तारी में दिक्कत आ रही है। युवती से पूछताछ, बयान अहम पुलिस ने उस युवती से भी पूछताछ की है, जिससे आरोपी पर धर्मांतरण कराकर शादी करने का आरोप सामने आया था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, युवती का बयान इस पूरे मामले में अहम सबूत साबित हो सकता है और जांच की दिशा तय करेगा। अब तक की कार्रवाई क्या रही डॉ. रमीज के खिलाफ 24 दिसंबर को चौक कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने उसे नोटिस जारी कर जांच पूरी होने तक शहर न छोड़ने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद आरोपी फरार हो गया। इसके बाद केजीएमयू प्रशासन की आंतरिक जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया और परिसर में उसके प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई। लखनऊ से उत्तराखंड तक दबिश आरोपी की तलाश में पुलिस ने लखनऊ के ठाकुरगंज और चौक इलाके में उसके किराये के कमरों की तलाशी ली। इसके अलावा उत्तराखंड के खटीमा में बताए गए पते और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में उसके मूल निवास से जुड़े ठिकानों पर भी दबिश दी गई, लेकिन आरोपी वहां भी नहीं मिला। पुलिस को आशंका है कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार ठिकाने बदल रहा है।
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