लखनऊ में सिविल डिफेंस द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे बैच का समापन शुक्रवार को सफलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट ज्ञानचंद्र गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। चीफ वार्डन अमरनाथ मिश्र ने पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और स्मृति-चिह्न भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। लगभग एक सप्ताह तक चले इस प्रशिक्षण की प्रमुख गतिविधियों और रेस्क्यू डेमो का प्रस्तुतीकरण एलईडी स्क्रीन पर किया गया, जिसकी मुख्य अतिथि ने सराहना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चीफ वार्डन अमरनाथ मिश्र ने बताया कि सिविल डिफेंस ‘प्रथम रिस्पॉन्डर’ के रूप में सीमित संसाधनों के साथ भी राहत और बचाव का महत्वपूर्ण कार्य करता है। उन्होंने जोर दिया कि किसी भी दुर्घटना या संकट के समय घटना का सही मूल्यांकन करना, नुकसान की प्रकृति को समझना, मौके पर उपलब्ध साधनों का उपयोग कर त्वरित सहायता पहुंचाना और तुरंत 112 हेल्पलाइन पर सटीक सूचना देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सिविल डिफेंस की भूमिका की भी सराहना की मिश्र ने आगे कहा कि आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी और प्राथमिक उपचार की समय पर उपलब्धता ही किसी भी बचाव अभियान की सफलता सुनिश्चित करती है। मुख्य अतिथि ज्ञानचंद्र गुप्ता ने अपने संबोधन में कोविड काल के दौरान सिविल डिफेंस की सेवाओं को करीब से देखने का उल्लेख किया। उन्होंने हाल ही में संपन्न परीक्षाओं के दौरान परीक्षार्थियों की समस्याओं के समाधान में सिविल डिफेंस की महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की। सेवा राष्ट्र के प्रति सच्ची निष्ठा का उदाहरण गुप्ता ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों में लगे स्वयंसेवकों की सेवा राष्ट्र के प्रति सच्ची निष्ठा का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार का प्रशिक्षण समाज को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। कार्यक्रम में उप नियंत्रक रवींद्र कुमार, SO to Chief Warden ऋतुराज रस्तोगी, डी-डब्ल्यू नफीस, संजय, जौहर, डी-डी-डब्ल्यू ऐश्वर्या, रामगोपाल, SO अयाज, संतोष, एडीसी मनोज, ऋषि, मुकेश, ममता, रेखा सहित सिविल डिफेंस के कई पदाधिकारी और स्वयंसेवक उपस्थित थे।
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