अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय कला मंच की लखनऊ विश्वविद्यालय इकाई ने बुधवार को गांधी प्रतिमा पार्क में ‘समता भाव मंजरी’ काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्कृत विभाग के छात्र हर्षित के मंत्रोच्चारण से हुई। इस दौरान युवा कवियों ने भारतीय संस्कृति, लोक-आस्था, समरसता और साहित्यिक परंपरा को केंद्र में रखकर अपनी स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत कीं, जिससे माहौल साहित्यिक रंगों से भर गया। संगोष्ठी का मुख्य आकर्षण बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का सजीव चित्रांकन रहा। इसे राष्ट्रीय कला मंच की टीम के शिवम, मानसी, विवेकानंद, रूद्र और संजीव ने संयुक्त रूप से तैयार किया था। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय कला मंच, अवध प्रांत के प्रांत सह संयोजक आशुतोष श्रीवास्तव ने किया। छात्रों ने विभिन्न विधाओं की कविताएं पढ़ी काव्य-पाठ में प्रखर ने अपनी रचना “मेरे जीवन के अंधकार का…” के माध्यम से संघर्ष की वेदना को स्वर दिया। अविरल शुक्ल की कविता “मोहब्बत करने वालों देख लो.’ ने मंच को संवेदनाओं से भर दिया। सूर्यांश की प्रस्तुति “भारत के टूटे सपनों…’ देशभक्ति से ओतप्रोत रही, वहीं रोहित की रचना “मृत्यु देखी मौन हो गये…” ने जीवन और मृत्यु के गूढ़ दर्शन पर सोचने को प्रेरित किया। हिंदी विभाग के शोधार्थी नवनीत कुमार ने “अगर कृष्णा चाहें…” के पाठ से आध्यात्मिक चेतना का संचार किया। संगोष्ठी में अंशिका की गिटार पर भजन प्रस्तुति दी दिव्यांश, शोभित, अनिल, उदय, मुकेश और राम लखन की प्रस्तुतियों ने भी श्रोताओं को अंत तक जोड़े रखा। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।संगोष्ठी में अंशिका की गिटार पर भजन प्रस्तुति ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। वक्ताओं ने इस अवसर पर कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं में साहित्यिक चेतना जगाने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति के आदर्शों को आत्मसात करने की प्रेरणा देते हैं। कार्यक्रम में क्षेत्रीय संयोजक (छात्र शक्ति–पत्रिका) विकास तिवारी, प्रांत सह संयोजक हर्षिका, जिला संयोजक अभिषेक, विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष प्रत्यूष, जतिन शुक्ल, सुभांश और निर्जला सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
https://ift.tt/zV43mlA
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply