लखनऊ के कृष्णानगर थाना क्षेत्र अंतर्गत विक्रमनगर पुल के नीचे संदिग्ध परिस्थितियों में एक कैटरर का शव मिला। मृतक 21 दिसंबर को अपने दोस्त के साथ नेपाल घूमने गया था। 30 दिसंबर को लौटकर आना था, लेकिन 5 दिन पहले ही 26 दिसंबर को उनका शव मिला। परिजन का आरोप है कि मृतक के पास से एक बैग और पर्स गायब हैं। साथ में गए दोस्त का कोई पता नहीं चल रहा है। मृतक की पहचान पारा निवासी करण गुप्ता (49) के रूप में हुई। वह इलाके में कैटरिंग का काम करते हैं। उनके दो बेटे आयुष और ईशू हैं। वहीं, पत्नी रीना गुप्ता कई दिनों से मायके में हैं। करण अपने दोस्त अनुज के साथ 21 दिसंबर को नेपाल घूमने गए थे। भांजे विशाल गुप्ता ने बताया कि उस दिन मामा का दोस्त अनुज घर आया था। उसने पहले कहा कि कहीं घूमने चलते हैं। मामा उसके साथ चले गए। फोन कॉल से गहराती गई बात दूसरे दिन मामा का सुबह फोन आया। उन्होंने बताया कि वे लोग नेपाल पहुंच गए हैं। फिर 23 दिसंबर को वॉट्सऐप कॉल आया। इस बार उन्होंने बताया कि अनुज कोई फ्रॉड करके भागा है इसलिए नेपाल में रुका है। उसके साथ के कई लोग फरार हैं। इसके बाद मैंने उनसे लखनऊ आने की बात कही तो वह बोले कोई दिक्कत नहीं है। शाम को करीब 3:00 बजे मामा के नंबर से फोन आया। फोन करने वाले शख्स ने बताया कि मामा विक्रमनगर पुल के नीचे बेहोश पड़े हैं। जानकारी मिलने पर वहां पहुंचे तो उन्हें एम्बुलेंस से लोकबंधु अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उनकी मौत हो गई है। मामा घर से निकले थे तो उनके पास एक बैग और पर्स था जिनमें तमाम दस्तावेज और पैसे थे। साथ में गए दोस्त से भी नहीं हो पाई बात विशाल ने बताया कि मामा की मौत के बाद जब उनके दोस्त अनुज को फोन मिलाया तो मिला नहीं, पता करने पर भी कुछ पता नहीं चला। इसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। कृष्णानगर इंस्पेक्टर पीके सिंह ने बताया कि ऐसा लग रहा कि हार्टअटैक से मौत हुई है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। परिजन ने अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी है।
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