गोमतीनगर स्थित विशेषखंड में चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव के तीसरे दिन का वातावरण भक्ति और भावनाओं से सराबोर रहा। कथावाचिका लक्ष्मी प्रिया ने अपनी मधुर और श्रद्धा से भरी वाणी से भगवान श्रीराम के जन्म प्रसंग का इतने भावपूर्ण ढंग से वर्णन किया, जिससे पूरा पंडाल “जय श्रीराम” के जयकारों से गूंज उठा। लक्ष्मी प्रिया ने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन मर्यादा, आदर्श और करुणा का प्रतीक है। उनके जन्म प्रसंग में छिपे आध्यात्मिक संदेश को उन्होंने सरल शब्दों में समझाते हुए बताया कि श्रीराम का चरित्र मानव जीवन में सद्गुणों, त्याग और अनुशासन का आदर्श स्थापित करता है। शैलेंद्र बोले कथा से मिल रही सीख उन्होंने कहा कि यदि हर व्यक्ति राम के आदर्शों को अपनाए तो समाज में समरसता और सदभाव स्वतः स्थापित हो सकता है।कथावाचिका के प्रवचनों के दौरान उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर होकर भक्ति रस में डूबते नजर आए। कथा स्थल पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तजन श्रीराम जन्म प्रसंग पर भजनों की स्वर लहरियों के साथ झूम उठे। प्रवचनों ने सबके हृदय में भक्ति, प्रेम और आत्मिक शांति से भर दिया। कथा आयोजन में स्थानीय पार्षद शैलेन्द्र वर्मा ने कहा कि कथा के माध्यम से लोगों को श्री राम भगवान के जीवन में अपनाई गई मर्यादा की सीख मिल रही है। हम सभी लोगों को भगवान के दिए गए संदेश का अनुसरण करना चाहिए। श्री राम विवाह के कथा का होगा प्रसंग आयोजकों के अनुसार कथा का तीसरा दिन आध्यात्मिक चेतना को जाग्रत करने के साथ-साथ समाज में भाईचारे और नैतिक मूल्यों को मजबूत करने वाला सिद्ध हुआ। आगामी दिवसों में श्रीराम विवाह और वनगमन प्रसंगों पर विशेष व्याख्यान होंगे, जिनके लिए भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है। मौके पर संजय मिश्रा, रंगनाथ द्विवेदी, विनोद गर्ग, दयाशंकर वर्मा, अतुल श्रीवास्तव, सुषमा वर्मा, आर.एस. पाण्डेय, ओमकार पाण्डेय, मुकेश राज और आलोक सिंह सहित क्षेत्र के अनेक नागरिक उपस्थित रहे। हजारों श्रद्धालु कथा श्रवण कर लक्ष्मी प्रिया के प्रवचनों का लाभ उठाने पहुंचे।
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