लखनऊ में वंदे मातरम को लेकर मौलाना ने दिया बयान। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मुसलमान अल्लाह को सिर्फ एक मानता है। हमें किसी भी ऐसी बहस में नहीं पढ़ना चाहिए जिससे विवाद हो। मौलाना ने कहा कि वतन सर्वश्रेष्ठ है और हम लोगों को समाज को आगे बढ़ाने में योगदान देना चाहिए। मौलाना ययासूब अब्बास ने कहा मुसलमान सिर्फ अल्लाह को एक मानता है और खुद की खुदाई में किसी को शरीक (शामिल) नहीं करता। जहां तक वंदे मातरम का सवाल है तो जानकार लोगों ने बताया कि इसका मतलब यह है कि ‘हे माँ हम तुमको नमन करते हैं’। यहां पर मां का मतलब धरती और जमीन है। इस्लाम भी कहता है कि वतन की मोहब्बत ईमान का हिस्सा है। जहां पर धर्म की मोहब्बत पहले होती है वतन की मोहब्बत बाद में वहां तालिबानी कल्चर डेवलप होता है, तालिबानी पैदा होते हैं। इस चीज को मुद्दा ना बनाया जाए । मौलाना ने कहा कि देश से मोहब्बत करना हम सबके लिए सबसे जरूरी है। जो व्यक्ति वतन से मोहब्बत ना करें वह भारतीय नहीं हो सकता । हमने हर मौके पर साबित किया है कि हम वतन से मोहब्बत करते हैं और वतन हमारे लिए सबसे ऊपर है। हजारों उलमा शहीद हुए, इस देश की आजादी के लिए कुर्बानी दिया । हमारे बुजुर्गों ने यह संदेश दिया कि वतन को जब भी लहू की जरूरत होगी हम सबसे आगे रहेंगे। इसलिए इस प्रकार की बहस में नहीं पढ़ना चाहिए और हमें ऐसी बातों पर चर्चा करना चाहिए जिससे देश का राष्ट्र का और समाज का भला हो। लोगों को रोजगार ज्यादा कैसे मिले , बेहतर इलाज कैसे मिले इन सब मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।
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