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लखनऊ में रिश्वत लेता दरोगा दबोचा गया:सीज कार छुड़ाने के एवज में मांगी थी 13 हजार घूस

लखनऊ में शनिवार को एक दरोगा को 13 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। लखनऊ की एंटी करप्शन टीम के पहुंचते ही दरोगा ने भागने की कोशिश की। टीम ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। गिरफ्तार करने के बाद एंटी करप्शन टीम दरोगा को घसीटते हुए गाड़ी तक ले गई। उसके बाद उन्हें गोसाईगंज थाना ले जाया गया। दरोगा ने सीज कार की रिलीज के लिए न्यायालय में रिपोर्ट लगाने की एवज में ₹13000 घूस मांगी थी। गिरफ्तार दरोगा की पहचान अमर कुमार के रूप में हुई है। उसकी PGI थाना की वृंदावन कॉलोनी चौकी में तैनाती थी। अब पढ़िए पूरा मामला… अयोध्या में इनायत नगर के रहने वाले शशांक कुमार की कार लखनऊ में PGI थाना पुलिस ने सीज कर दी थी। शशांक ने कार छुड़ाने के लिए न्यायालय में अपील की। PGI थाने से न्यायालय ने रिलीज रिपोर्ट तलब की। मामले की जांच PGI थाना की वृंदावन चौकी में तैनात दरोगा अमर कुमार कर रहे थे। आरोप है कि दरोगा ने न्यायालय में रिपोर्ट लगाने की एवज में ₹13000 की घूस मांगी। शशांक कुमार ने रिश्वत मांगने की शिकायत एंटी करप्शन विभाग में कर दी। एंटी करप्शन विभाग ने दरोगा को पकड़ने के लिए योजना तैयार की। एंटी करप्शन टीम वृंदावन चौकी पहुंची। शशांक को केमिकल लगे नोटों की गड्डी देकर चौकी के अंदर भेजा। टीम बाहर सिग्नल का इंतजार करती रही। इस दौरान अमर शशांक से बात करते हुए चौकी के बाहर आया। शशांक ने जैसे ही चौकी के पास दरोगा को 13 हजार रुपए दिए, एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया। गिरफ्तार करने के बाद दरोगा को चौकी ले जाया गया। हाथ पानी के जग में डलवाए गए। जिससे पानी का रंग लाल हो गया। इसके बाद टीम उसे गिरफ्तार करके गोसाईगंज थाना ले गई। उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। दरोगा अमर कुमार कारखाना, रामपुर का रहने वाला है। वह 2023 बैच का दरोगा है। ACB की दूसरी कार्रवाई भी पढ़िए… गाजियाबाद में महिला दरोगा-हेड कॉन्स्टेबल को पकड़ा इससे पहले ACB टीम ने गाजियाबाद में एक महिला दरोगा और हेड कॉन्स्टेबल को 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार करने के बाद एंटी करप्शन टीम महिला दरोगा और हेड कॉन्स्टेबल को घसीटते हुए गाड़ी तक ले गई। इन लोगों ने दहेज उत्पीड़न के एक मामले में चार्जशीट से 2 व्यक्तियों के नाम हटाने के लिए 2 लाख रुपए मांगे थे। हेड कॉन्स्टेबल का मुरादनगर थाने में एकतरफा सिक्का चलता है। वहीं, महिला दरोगा पिंक बूथ की प्रभारी है। मामला मुरादनगर थाना क्षेत्र का था। हापुड़ जिले के खड़खड़ी गांव में रजनीश त्यागी रहता है। उसके खिलाफ 12 अक्टूबर को मुरादनगर थाने में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच पिंक बूथ प्रभारी महिला दरोगा प्रिया सिंह कर रही थी। आरोप है कि दरोगा प्रिया सिंह, रजनीश त्यागी से उसकी मां कुसुम त्यागी और पिता संजीव त्यागी का नाम चार्जशीट से हटाने के लिए दो लाख रुपए की मांग कर रही थी। रिश्वत के पैसों को लेकर हेड कॉन्स्टेबल शाहिद अली डील कर रहा था। बताया जा रहा है, पैसे न देने पर आरोपियों को जेल भेजने की धमकी भी दी जा रही थी। काफी बातचीत के बाद 50 हजार रुपए में सौदा तय हुआ था। मोदी नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई इसी बीच, रजनीश त्यागी ने 50 हजार की रिश्वत मांगने की शिकायत एंटी करप्शन विभाग में कर दी। इस पर एंटी करप्शन विभाग ने दरोगा और सिपाही को पकड़ने के लिए योजना तैयार की। एंटी करप्शन टीम के प्रभारी कृष्णापाल सिंह अपनी टीम के साथ मुरादनगर थाने पहुंचे। उन्होंने रजनीश त्यागी को केमिकल लगे नोटों की गड्डी दी। इसके बाद रजनीश त्यागी मुरादनगर थाने पहुंचा। जैसे ही उसने दरोगा प्रिया सिंह और सिपाही शाहिद को 50 हजार रुपए दिए, एंटी करप्शन टीम ने दोनों को दबोच लिया। गिरफ्तार करने के बाद दरोगा और सिपाही के हाथ पानी के जग में डलवाए गए। जिससे पानी का रंग लाल हो गया। इसके बाद टीम दोनों को लेकर मोदीनगर थाने पहुंची और रिपोर्ट दर्ज कराई। ……………………………….. यह खबर भी पढ़ें ‘अखिलेश का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं’: लखनऊ में केशव बोले- बिहार चुनाव के बाद से गायब हैं, इलाज की जरूरत ‘अखिलेश यादव जब से बिहार चुनाव हार के आए हैं, उनका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है। मैं नीरज सिंह (राजनाथ सिंह के बेटे) से कहूंगा कि उनको यहां बुलाकर उनका इलाज करवा दें। अयोध्या वाली सीट जीतने के बाद लगातार कहते थे कि अवध में हराए हैं तो मगध में भी हराएंगे। यहां पढ़ें पूरी खबर


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