लखनऊ में घर की रसोई से निकलने वाले कचरे, सब्जी और फसलों के अवशेष से बायो CNG बनाई जाएगी। यह ईंधन मार्केट रेट से 5% सस्ता होगा। इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां चलाई जाएंगी, जिससे पॉल्यूशन कंट्रोल होगा। गोबर स्टोर करने की समस्या का स्थायी समाधान होगा। लोगों को रोजगार मिलेगा और नगर निगम को करीब 1.50 करोड़ रुपए की हर साल इनकम होगी। नगर निगम जल्द ही बायो CNG प्लांट का निर्माण शुरू करेगा। इसके लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र लिखकर भूमि पूजन का न्योता दिया गया है। जनवरी 2027 से सीबीजी-बॉयो फर्टीलाइजर प्लांट का संचालन शुरू करने का लक्ष्य है। जेबीएम इनवायरो बायो–एनर्जी लखनऊ (JBMBEL) कम्प्रेस्ड बायो गैस (CBG) और बायो–फर्टिलाइजर उत्पादन प्लांट का 7.5 एकड़ में निर्माण करेगा। इसके लिए नगर निगम ने 20 साल के लिए लीज पर जमीन दी है। हर दिन 10 टन बायो-CNG बनेगी प्लांट का पीपीपी मॉडल पर निर्माण होगा। इसमें नगर निगम की तरफ से पूंजी नहीं लगाई जा रही। प्लांट में हर दिन करीब 150 टन गोबर कान्हा गोशाला सहित शहर की अन्य गोशाला से लाया जाएगा। फिलहाल कान्हा गोशाला में 10 हजार गोवंश हैं। यहां के गोबर निस्तारण की समस्या का हल होगा।
घर की रसोई से निकलने वाले कचरे और फसलों के अवशेष से भी बायो सीएनजी बनाई जाएगी। इसे संबंधित संस्था खुद ही खरीदेगी। यह सब्जी मंडी सहित किसानों और अन्य जगहों से खरीदा जाएगा। 10 टन बायो सीएनजी बनाने के लिए एक दिन में 200 टन गोबर, कचरा और फसलों के अवशेष लगेंगे। मार्केट रेट से सस्ती मिलेगी बायो सीएनजी नगर निगम के पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान ने बताया- यहां से प्रतिदिन निकलने वाली गैस मार्केट रेट से 5 फीसदी सस्ती होगी। ईंधन में इस्तेमाल होने के बाद बचने वाला अवशेष जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। संस्था की तरफ से इसे किसानों को बेचा जाएगा, ताकि सस्ते रेट पर उन्हें खाद मिल सके। शहर की स्वच्छता बढ़ेगी। पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा। 80 करोड़ रुपए की लागत, इंदौर और चंडीगढ़ मॉडल 80 करोड़ रुपए की लागत से पूरी परियोजना को पूरा किया जाएगा। नगर निगम की तरफ से इसकी जमीन भी चिह्नित कर दी गई है। अमौसी, तहसील सरोजिनी नगर में यह प्लांट बनाया जाएगा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के समय देने के बाद इसका भूमि पूजन किया जाएगा। इससे ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में शहर को बड़ी सफलता मिलेगी। इंदौर और चंडीगढ़ में पहले से यह प्रयोग सफल रहा है। इसी आधार पर अब शहर में इस परियोजना को शुरू किया जा रहा है। ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया- ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने, गोबर की समस्या का निस्तारण करने और पर्यावरण संरक्षण की मुहिम के लिए यह परियोजना महत्वपूर्ण है। इससे शहर में लोगों को सहूलियत मिलेगी। हर दिन 10 टन सीएनजी का उत्पादन होगा।
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