लखनऊ में राज्य कर विभाग (GST) ने एक बड़ी टैक्स चोरी का खुलासा किया है। जांच में पता चला कि गणेश इंटरप्राइजेज नाम की एक फर्म ने बिना कोई असली कारोबार किए करीब 1.71 करोड़ रुपए की GST चोरी की। विभाग के अफसरों के अनुसार फर्म ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का इस्तेमाल कर सरकार को नुकसान पहुंचाया। फर्म ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के दौरान करीब 93.10 करोड़ रुपए की बिक्री कागजों में दिखाई, जबकि हकीकत में कोई व्यापार नहीं हुआ। जांच में यह भी सामने आया कि जिन सप्लायर फर्मों से खरीद दिखायी गई थी। उनके GST रजिस्ट्रेशन पहले ही रद्द हो चुके थे। जब विभाग की टीम ने फर्म के बताए गए पते पर जांच की, तो वहां कोई दफ्तर नहीं मिला। आसपास के लोगों ने बताया कि न तो फर्म और न ही उसका मालिक वहां कभी दिखाई दिया। पंजीकरण में दर्ज मोबाइल नंबर भी बंद मिले। विभाग की विजिलेंस टीम ने फर्म को पूरी तरह फर्जी पाया। आरोप है कि फर्म के मालिक अजय कुमार भाटिया ने फर्जी कागजात के आधार पर GST रजिस्ट्रेशन लिया और केवल कागजों पर लेन-देन दिखाकर टैक्स चोरी की। इस मामले में राज्य कर विभाग के वरिष्ठ सहायक ब्रिजेन्द्र सिंह यादव ने थाना गुडम्बा में मुकदमा दर्ज करवाया है।
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