लखनऊ के ताज होटल में देश का पहला बहु-हितधारक ‘ICS महा-सम्मेलन’ आयोजित किया गया। यह सम्मेलन शिक्षा, कार्यक्षेत्र और ‘रियल इंटेलिजेंस’ के भविष्य पर केंद्रित था। यह आयोजन ICS संस्था के 40 वर्ष पूरे होने के अवसर पर किया गया, जिसका उद्देश्य शिक्षा, उद्योग, नीति और तकनीक को एक मंच पर लाकर अगले दशक के लिए एक रोडमैप तैयार करना था। उद्घाटन सत्र में डॉ. अमृता दास ने ‘Hi-Touch, Hi-Tech’सिद्धांत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ICS कक्षा से करियर तक छात्रों को सशक्त बनाने के अपने मिशन पर लगातार काम कर रहा है। पिछले चार दशकों में, ICS ने देश-दुनिया के 1,000 से अधिक संस्थानों के साथ मिलकर 5 लाख से ज्यादा छात्रों और पेशेवरों को करियर मार्गदर्शन प्रदान किया है। AI कार्यस्थल की संरचना को तेजी से बदल रहा डॉ. ऋषि सेठी द्वारा संचालित एक पैनल चर्चा में राम केवलूर, कविता भानवाडिया, नवीन अत्रेश और वरुण चटर्जी शामिल थे। विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कार्यस्थल की संरचना को तेजी से बदल रहा है। इस बदलाव के साथ नए करियर उभर रहे हैं और अब स्किल डेवलपमेंट को उद्योग की बदलती मांगों से जोड़ना अनिवार्य हो गया है। एक अन्य सत्र का संचालन डॉ. उर्वशी साहनी ने किया। पैनलिस्ट डॉ. जोनाथन लॉन्ग, मीनाक्षी साहनी और प्रो. आदित्य त्रिवेदी ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि तकनीक कितनी भी उन्नत क्यों न हो जाए, उन्होंने कहा कि AI केवल सहयोग कर सकता है, जबकि नेतृत्व, संवेदनशीलता और निर्णय लेने की क्षमता अभी भी इंसानों की ही ताकत है। शिक्षा और उद्योग का सेतु’ पर पैनल चर्चा सीमा झाम के संचालन में ‘शिक्षा और उद्योग का सेतु’ नामक तीसरी पैनल चर्चा हुई। इसमें रश्मि अरुण (IAS), डॉ. कौस्तभ सोनलकर, ब्योमकेश मिश्रा और नितीना दुआ चोपड़ा ने शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि स्कूली और उच्च शिक्षा में उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम, प्रोजेक्ट और इंटर्नशिप ही भविष्य के कार्यबल को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।कार्यक्रम का समापन ICS की निदेशक कविता दास के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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