उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा दस दिवसीय मंडल स्तरीय खादी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह प्रदर्शनी 18 दिसंबर को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, लखनऊ परिसर में शुरू हुई, जो 28 दिसंबर तक चलेगी। प्रदर्शनी में लगभग 50 स्टॉल लगाए गए हैं। इनमें खादी वस्त्र, हस्तशिल्प, चमड़े के सामान, मिट्टी के बर्तन, बांस से बनी कलाकृतियां, जैविक खाद्य पदार्थ और घरेलू उपयोग की विभिन्न वस्तुएं शामिल हैं। प्रदर्शनी में देश के विभिन्न राज्यों जैसे उत्तराखंड, गुजरात, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से आए प्रतिभागी अपने उत्पादों के साथ मौजूद हैं। पशमीना सिल्क की साड़ियों की सबसे अधिक मांग गुजरात से आए उद्यमी दिलीप भाई ने बताया कि उनके स्टॉल पर बंधेज, बाटिक प्रिंट, पशमीना सिल्क और पटोला साड़ियां उपलब्ध हैं। साड़ियों की कीमत 600 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक है। उन्होंने बताया कि बंधेज और पशमीना सिल्क की साड़ियों की सबसे ज्यादा मांग है।बाराबंकी से आए शिवम प्रजापति चीनी मिट्टी के बर्तनों की बिक्री कर रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि चीनी मिट्टी बुलंदशहर के खुर्जा से मंगाई जाती है और वह पिछले छह वर्षों से इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। मिट्टी के बर्तनों का उपयोग स्वास्थ्य के लिए लाभकारी लखनऊ के नियाज ने अपने मिट्टी के बर्तनों के स्टॉल पर बताया कि उनका परिवार पीढ़ियों से यह कार्य करता आ रहा है। अब वे आधुनिक जरूरतों के अनुसार मिट्टी से बने कुकर, गिलास, पानी की बोतल और तवा भी तैयार कर रहे हैं। उनका मानना है कि प्राकृतिक मिट्टी के बर्तनों का उपयोग स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता हैं। सीतापुर से आए प्रताप सिंह यादव ने बताया कि वे घर पर शुद्ध और ऑर्गेनिक गुड़ तैयार करते हैं। उनके पास गुड़ की पांच किस्में हैं, जिन्हें बिना किसी केमिकल के बनाया जाता है। तिल, सोंठ, अजवाइन, बादाम, मूंगफली और काजू मिलाकर अलग-अलग स्वाद का गुड़ तैयार किया जाता है। उनके उत्पादों की मांग सीतापुर, लखनऊ और शाहजहांपुर सहित कई जिलों में है।
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