लखनऊ के गोमती नगर स्थित आईएमआरटी बिजनेस स्कूल में सोमवार को ‘तिब्बतन अवेयरनेस टॉक’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें तिब्बत के राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग का संबोधन मुख्य आकर्षण रहा। राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग ने अपने संबोधन में कहा कि तिब्बत सदियों से आध्यात्मिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक समृद्धि का वैश्विक केंद्र रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में तिब्बती समुदाय अपनी पहचान और विरासत को बचाने के लिए कठिन संघर्ष कर रहा है। उन्होंने चीन सरकार की नीतियों को तिब्बती समाज पर गंभीर मानवीय, धार्मिक और सांस्कृतिक दमन का कारण बताया। राष्ट्रपति ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कठोर प्रतिबंध, धार्मिक गतिविधियों पर सरकारी नियंत्रण, सांस्कृतिक परंपराओं में हस्तक्षेप और सामाजिक जीवन पर लगाए गए प्रतिबंध तिब्बतियों के जीवन को लगातार संकटग्रस्त कर रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तिब्बत की वास्तविक स्थिति को समझने, तिब्बती जनता की आवाज सुनने और मानवाधिकारों के आधार पर ठोस समर्थन देने की अपील की। भारत–तिब्बत संबंध प्राचीन काल से ज्ञान, अध्यात्म और संस्कृति की मजबूत कड़ी कार्यक्रम के विशेष अतिथि नीरज सिंह ने उत्तर प्रदेश और तिब्बत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश शिक्षा, विचार, संस्कृति और विविधता का केंद्र रहा है, जहां की जनता तिब्बती शांति-दर्शन और सांस्कृतिक विरासत को सहजता से अपनाती है। सिंह ने भारत–तिब्बत संबंधों को प्राचीन काल से ज्ञान, अध्यात्म और संस्कृति की मजबूत कड़ी बताते हुए इसे और सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं और आम नागरिकों को तिब्बत के इतिहास, उसकी सांस्कृतिक महत्ता और वर्तमान चुनौतियों के प्रति जागरूक करना था। उपस्थित दर्शकों ने पूरे कार्यक्रम को ध्यानपूर्वक सुना और तिब्बत के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। समापन तिब्बती शांति संदेश और भारत–तिब्बत सौहार्द को मजबूत करने की सामूहिक अपील के साथ हुआ।कार्यक्रम में संस्थान के चेयरमैन देशराज बंसल, निदेशिका शिल्पिका पांडेय, सीनियर प्रोफेसर एम.के. झा, डीन यशस्वी भार्गव सहित सभी शिक्षकगण मौजूद रहे।
https://ift.tt/OTKueaH
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply