लखनऊ शहर में बने पब्लिक टॉयलेट अब एक रंग में नजर आएंगे। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने टॉयलेट की साफ सफाई और उनकी व्यवस्था सही करने को लेकर बैठक की है। ताकि टॉयलेट में सुविधाओं को बढ़ाया जा सके। विश्व टॉयलेट दिवस से “स्वच्छ टॉयलेट अभियान 2025” का अभियान भी शुरू किया गया है। 75 घंटे का चलाया जा रहा अभियान नगर आयुक्त ने निर्देश दिए कि अभियान को केवल औपचारिकता न मानकर इसे जनसहभागिता का व्यापक आंदोलन बनाया जाए, ताकि शहर के सभी सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों में स्थायी रूप से सभी मानकों के अनुसार काम किया जा सके। 20 से 26 नवंबर तक “75 घंटे का सफाई अभियान चल रहा। इसमें शौचालयों की सफाई, निरीक्षण और FACES मानकों के अनुसार मूल्यांकन किया जा रहा है। यलो स्पाट की होगी सफाई अभियान के अगले चरण में 27 से 30 नवंबर तक “Transforming Yellow Spot Campaign” चलाया जाएगा। इस दौरान शहर के यलो स्पॉट (जहाँ लोग खुले में पेशाब करते हैं) को चिन्हित कर वहाँ साफ-सफाई, सुंदरी करण किया जाएगा तथा उन्हें सेल्फी वॉल, ‘नेकी की दीवार’ आदि के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही नजदीकी शौचालयों की दूरी भी अंकित की जाएगी। 2 से 6 दिसंबर के बीच “Paint My Toilet Campaign 2.0” के तहत स्वच्छ सारथी क्लब के सहयोग से शौचालयों की दीवारों पर पेंटिंग, संदेश, सुंदरी करण होगा। इस अवधि में स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में क्लीन टॉयलेट अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें छात्रों को स्वच्छता के महत्व से अवगत कराया जाएगा। इसके बाद 7 से 20 दिसंबर तक “I Am Here Campaign” के तहत शौचालयों के जीर्णोद्धार, उन्नयन और मरम्मत का कार्य किया जाएगा। कार्य से पहले और बाद की स्थिति की सेल्फी निदेशालय को भेजी जाएगी। धार्मिक स्थलों की भी होगी सफाई 21 से 24 दिसंबर के बीच “स्वच्छ धरोहर अभियान” चलाकर शहर के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों पर बने शौचालयों की विशेष सफाई, सुंदरी करण और संचालन पर ध्यान दिया जाएगा। अभियान का समापन 25 दिसंबर (सुशासन दिवस) को सफाई मित्रों और श्रेष्ठ कार्य करने वाले स्टेकहोल्डर्स के सम्मान समारोह के साथ होगा। नगर निगम ने निर्देश दिया कि गूगल टॉयलेट लोकेटर पर शौचालयों को अपडेट किया जाए और नागरिक फीडबैक के लिए रोजाना टॉयलेट टाक्स भेजे जाए। नगर आयुक्त ने कहा कि यह अभियान केवल स्वच्छता तक सीमित नहीं, बल्कि यह नागरिकों में स्वच्छ आदतों को स्थायी रूप से अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। शहर को स्वच्छ बनाने के लक्ष्य में सभी निकायों, स्कूलों, स्वयंसेवी संस्थाओं और आम नागरिकों का सहयोग बेहद जरूरी है, ताकि स्वच्छ भारत मिशन में सभी शहरवासियों का योगदान प्राप्त हो सके और लखनऊ स्वच्छता के नए मानक स्थापित कर सके।
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