लखनऊ में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं का एक ही पैटर्न है। लगभग ये सभी खुद को असम के बारपेटा का निवासी बताते हैं। ये घुसपैठिए झुग्गी झोपड़ी में संरक्षण पाकर उन लोगों के साथ में रह रहे हैं, जिनके पास में NRC, आधार कार्ड, वोटर आईडी सहित अन्य डॉक्यूमेंट मौजूद हैं। दिसंबर 2024 में इंदिरानगर में बांग्लादेशियों द्वारा नगर निगम के कर्मचारियों को पीटने के बाद मेयर ने मौके पर जाकर एक्शन लिया था। इसके बाद नगर निगम ने शहर में अवैध झुग्गी-झोपड़ी को लेकर सर्वे कराया था। इसमें पता चला था कि पूरे शहर में कुल 7,335 अवैध झुग्गी झोपड़ी हैं। यहां पर करीब 30 हजार से अधिक की संख्या में लोग अवैध रूप से कूड़ा उठाने और बीनने के काम में लगे हुए हैं, जिनमें से करीब 85-90 फीसदी मुस्लिम समुदाय से जुड़े हुए हैं। सीएम योगी की सख्ती, पुलिस और एटीएस ने मांगी रिपोर्ट लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट और आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने बांग्लादेशियों और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान उजागर करने और इन्हें डिपोर्ट करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की तरफ से एक्शन के बाद पूरा महकमा सक्रिय हो गया है। इसी के तहत लखनऊ नगर निगम और प्रदेश के 17 महानगरों सहित अन्य में काम करने वाले सभी सफाईकर्मियों की डिटेल इन्फॉर्मेशन मांगी गई है। ताकि ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा सके। नगर निगम लखनऊ से मामले में नवंबर में ही रिपोर्ट मांगी गई थी। दरअसल, बीते 23 अक्टूबर को पूर्व डीजीपी और भाजपा से राज्यसभा सांसद बृजलाल की तरफ से फेसबुक पोस्ट कर लखनऊ में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के द्वारा सफाई कर्मी बनने का मुद्दा उठाया गया था। इसके बाद प्रदेश सरकार ने सख्ती बढ़ानी शुरू की है। कूड़े का अवैध कारोबार, लोकल प्रभावी लोगों का संरक्षण लखनऊ में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या को शहर में विभिन्न जगहों पर स्थानीय प्रभावी लोगों ने अपनी जमीन या फिर सरकारी जमीन पर बसाया हुआ है। इसके चलते उनके ऊपर कभी भी नगर निगम या फिर पुलिस महकमे की तरफ से निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई है। इनमें से अधिकतर झुग्गी-झोपड़ी लखनऊ में बीते 10 सालों में बसी हैं। यहां पर अवैध तरीके से कूड़ा डोर टू डोर कलेक्शन करने और फिर इसे बेचने और गलाने का काम किया जाता है, इससे वायु प्रदूषण फैलने के साथ-साथ नगर निगम को भी करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, लखनऊ में हर महीने करीब 10 करोड़ रुपए से अधिक अवैध तरीके से कूड़े का कारोबार चल रहा है। इसमें नगर निगम, पुलिस और स्थानीय प्रभावित लोगों का संरक्षण भी मिला हुआ है। कार्यदायी संस्था में काम करते, यहीं से 50 ठेली बरामद मेयर सुषमा खर्कवाल ने बीते 5 दिसंबर को गुडंबा थाना क्षेत्र के फूलबाग बहादुरपुर में स्थित जमीन पर सपा पार्षद नमिता यादव के पति पंकज यादव की जमीन पर बसी झुग्गी झोपड़ी में पहुंचकर एक्शन लिया था। यहां पर अवैध रूप से कूड़ा कलेक्शन करने पर 50 ठेली बरामद हुई थी। यहीं पर उजुबा खातून भी रहती हैं। वह भी ठेली से कूड़ा कलेक्शन करती थीं। उन्होंने बताया कि वह असम के बरपेटा की रहने वाली हैं। इनके पति सहीदुल भी साथ में रहते हैं। वह नगर नगम के जोन-7 में सफाई कर्मी के रूप में एलएसए के साथ में काम कर रहे हैं। इसके पहले वह जोन-3 में काम करते थे। हमारा सभी डॉक्यूमेंट चेक हो चुका है। सभी डॉक्यूमेंट्स हैं हमारे पास, ज्वाइनिंग लेटर भी है। अन्य लोग भी बारपेटा के रहने वाले मुन्ना अली असम के बारपेटा के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि हमारा ठेली नगर निगम लेकर गया था। दारू ठेका से कूड़ा और पन्नी लेकर आए हैं। हमारा डॉक्यूमेंट चेक किया गया है। यह गलत है। हम लोग कई साल से यहां पर रहते हैं। बिलाल हुसैन असम के बरपेटा जिले के रहने वाले हैं। पांच साल से झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं। आधार, पैन और NRC के डॉक्यूमेंट मौजूद हैं। कई बार बांग्लादेशी कर चुके हैं अपराध दुबग्गा में रहकर बांग्लादेशी करते ठगी 23 नवंबर 2025 को रियाल का झांसा देकर चूड़ी दुकानदार से दो लाख की ठगी में गिरफ्तार बांग्लादेशी घुसपैठिए हसन शेख और उसके गिरोह के तार चार राज्यों में जुड़े थे। गिरोह के लोग दुबग्गा के अलावा मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में रहकर ठगी करते थे। खुफिया एजेंसियों और पुलिस ने पूछताछ में इनके पते जुटा लिए हैं। अब वजीरगंज पुलिस उन पतों की तस्दीक कराएगी। बांग्लादेश के गोपालगंज गोहाला गांव निवासी हसन शेख ने पुलिस और एजेंसियों की पूछताछ में बताया कि वह अपने दो साथियों के साथ आठ साल पहले पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में घुसा था। वहां कुछ दिन रहा। विदेशी करेंसी रियाल के नाम पर लोगों से ठगी की। इसके बाद वहां से मुंबई फिर दिल्ली के सकूरपुर में रहा। वहां से लखनऊ आ गया था। यहां दुबग्गा में रहने लगा था। कूड़ा आदि बीनने का काम करता था। रियाल एक साथी की मदद से मंगवाता था। 15 नवंबर को निशातगंज निवासी चूड़ी व्यवसायी गुल्लू सोनकर को 300 रियाल देने के झांसा देकर उनसे दो लाख रुपए की ठगी की थी। वजीरगंज पुलिस ने इस मामले में हसन शेख और चौबीस परगना गोरिया सोनापुर निवासी उमर शेख को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों को डालीगंज से पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया था। हिंदू बनकर रह रही थी बांग्लादेशी 1 दिसंबर को ATS ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक बांग्लादेशी महिला को उसके तीसरे पति समीर के साथ गिरफ्तार किया। महिला ने फर्जी पहचान और धर्म छिपाकर कई नामों जैसे निर्मला, जैसमीन से वर्षों तक लखनऊ में निवास किया। ATS की जांच में सामने आया है कि यह बांग्लादेशी महिला साल 2006 में अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थी और फर्जी दस्तावेजों के सहारे जीवन गुजार रही थी। लखनऊ में पकड़ी गई बांग्लादेशी महिला का असली नाम नरगिस है। पूछताछ में उसने बताया कि वह वर्ष 2006 में अपने बांग्लादेशी पति के साथ पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में दाखिल हुई थी। कुछ समय कोलकाता में रहने के बाद उसने पहले पति को छोड़ दिया और अलग-अलग स्थानों पर रहने लगी। कोलकाता से निकलकर नरगिस बलिया पहुंची, जहां उसकी मुलाकात हरिओम आनंद से हुई. वहां उसने खुद को जैसमीन बताकर हिंदू रीति-रिवाज से शादी की और हरिओम के साथ लखनऊ आकर गोसाईंगंज क्षेत्र में रहने लगी। यह भी बताया कि हरिओम ने उसके फर्जी दस्तावेज बनवाने और वाहन दिलवाने में मदद की। लखनऊ एयरपोर्ट से मलेशिया भाग रहा बांग्लादेशी गिरफ्तार 7 सितंबर 2025 को लखनऊ एयरपोर्ट से मलेशिया भाग रहा एक बांग्लादेशी गिरफ्तार हुआ है। उसके पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड मिला है। भारतीय दस्तावेजों के आधार पर उसने फर्जी पासपोर्ट बनवा लिया था। इमीग्रेशन जांच के दौरान अधिकारियों को उसके दस्तावेज संदिग्ध लगे। जांच में पता चला कि उसने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट बनवाया था। इसके पासपोर्ट का नंबर आर 9857356 है, जिसकी वैधता 17 मई 2028 तक है। बांग्लादेशी की पहचान मोहम्मद नसीम के रूप में हुई है। वह कुआलालंपुर जाने वाली फ्लाइट में सवार होने जा रहा था। इमीग्रेशन की पूछताछ में नसीम ने बताया कि वह मूलरूप से बांग्लादेश का रहने वाला है। इस समय उन्नाव जिले की सफीपुर तहसील के गढ़ी इलाके में रह रहा था। इमीग्रेशन अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया। उससे गिरोह चलाने, अन्य फर्जीवाड़ा करने को लेकर भी पूछताछ की जा रही है। 13 अक्टूबर को 3 बांग्लादेशी गिरफ्तार उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने 3 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया था। जबकि दो व्यक्तियों, 35 वर्षीय नजीबुल शेख, 30 वर्षीय अबू हुरैयरा को बांग्लादेश और म्यांमार के अवैध प्रवासियों को भारत में प्रवेश करने में मदद करने के लिए गिरफ्तार किया गया था, एक 22 वर्षीय आदिल उर रहमान को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। एटीएस ने कहा कि दोनों फर्जी और जाली दस्तावेजों के आधार पर प्रवासियों के लिए भारतीय पासपोर्ट तैयार करते थे। उनके कब्जे से फर्जी भारतीय दस्तावेजों पर बने पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड और विदेशी सिम कार्ड भी बरामद किए गए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एटीएस ने कहा कि नाजीबुल और अबू फर्जी दस्तावेजों पर उत्तर प्रदेश में रह रहे थे और भारी रकम लेकर बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों को भारत लाने में मदद करते थे। एटीएस के अतिरिक्त महानिदेशक मोहित अग्रवाल ने कहा कि अब तक की प्रारंभिक जांच के आधार पर, उन्होंने नजीबुल और अबू के बैंक खातों का विवरण प्राप्त कर लिया है। अधिकारी ने कहा कि दोनों ने पिछले तीन साल में 20 करोड़ रुपए हासिल किए हैं। ————————- ये खबर भी पढ़िए… नौकरी छोड़कर भागे 160 संदिग्ध रोहिंग्या-बांग्लादेशी : लखनऊ में सफाईकर्मियों का सत्यापन, 1400 के पास असम के डॉक्यूमेंट लखनऊ नगर निगम ने सफाई कर्मचारियों से NRC के डॉक्यूमेंट मांगे तो 160 सफाईकर्मी नौकरी छोड़ कर लापता हो गए। नगर निगम इन कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। इनकी रिपोर्ट शासन स्तर तक भेजी जाएगी। (पूरी खबर पढ़िए)
https://ift.tt/ICuN7wg
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply