लखनऊ सहित यूपी के सभी जिलों के मेडिकल कॉलेज शुक्रवार को क्रिसमस की छुट्टी के बाद खुले। OPD में सुबह रजिस्ट्रेशन के लिए मरीजों की लंबी कतार देखी गई। चिकित्सा संस्थानों के अलावा सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों की भीड़ उमड़ी।गुरुवार को सरकारी अस्पतालों में हॉफ-डे OPD का संचालन हुआ। KGMU, SGPGI, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में शुक्रवार सुबह 8 बजे से OPD का संचालन शुरू हुआ। विंटर वेकेशन के कारण संस्थानों में 50% डॉक्टरों की अनुपस्थिति रही। हालांकि, ज्यादातर विभागों में सामान्य दिनों की तरह ही OPD का संचालन हुआ। KGMU की OPD में सुबह के 2 घंटे मरीजों की ज्यादा भीड़ रही। जबकि SGPGI की OPD में मरीजों की आम दिनों जैसी ही आमद देखी गई। वहीं, लोहिया संस्थान में भी बड़ी संख्या में मरीज और तीमारदार मौजूद रहे। न्यूरो और कैथलैब में मरीजों की संख्या रही ज्यादा SGPGI में न्यूरोलॉजी लैब और कैथलैब में मरीजों की तादाद ज्यादा रही। यहां ब्रेन और हार्ट से जुड़ी जांचों के मरीज सुबह से ही पहुंचे थे। इन मरीजों की जांच की डेट पहले ही दी गई थी। ऐसे में तय समय में डॉक्टरों ने परीक्षण किया और जरूरत के अनुसार प्रोसीजर भी हुआ। इसके गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और नेफ्रोलॉजी से जुड़ी बीमारियों के भी मरीज पहुंचे थे। बुखार और पेट से जुड़ी समस्याओं के मरीज भी ज्यादा लखनऊ के लोकबंधु राजनारायण अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि ठंड में बुखार और पेट से जुड़ी समस्या के मरीजों की संख्या में जाता हुआ है इसके अलावा वायरल फीवर और सीजनल इन्फेक्शन के सबसे ज्यादा इलाज के लिए पहुंच रहे है। बढ़ रहे इन्फेक्शन के केस डॉ.अजय शंकर त्रिपाठी कहते है कि ठंड में देखने के कारण कुछ मरीजों में वायरल इन्फेक्शन के गंभीर लक्षण भी देखने को मिला है। इनमें हाई ग्रेड फीवर के साथ कफ-कोल्ड की समस्या भी है। इन मरीजों को दवा देने के साथ ही ज्यादा सजग रहने की हिदायत दी गई है। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर बिना देर किए एडमिट होने को कहा गया है। आधे डॉक्टर विंटर वेकेशन पर KGMU सहित मेडिकल संस्थानों के आधे डॉक्टर 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश पर है। इसके चलते मरीजों की लंबी कतारें देखी गई। नियमों के अनुसार, डॉक्टरों को एक शिक्षक के रूप में एक महीने का सालाना अवकाश मिलता है। इलाज बाधित न हो, इसलिए डॉक्टर सर्दी और गर्मी में 15-15 दिन का अवकाश ले लेते हैं। हालांकि, इस दौरान अवकाश के दौरान मरीजों को समस्या न हो, इसलिए सभी यूनिट का संचालन होता रहता है। हर यूनिट के डॉक्टर बारी-बारी से छुट्टी पर जाते हैं। अगर किसी मरीज को किसी विशेष डॉक्टर को ही दिखाना है तो वे डॉक्टरों की छुट्टी को ध्यान में रखते हुए ओपीडी आ सकते हैं। नियमित निगरानी में चल रहे मरीजों को पहले की तरह OPD में आना होता है। इसके बाद अन्य डॉक्टर 10 से 24 जनवरी तक अवकाश पर जाएंगे।
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