दिल्ली किसान आंदोलन के पांच साल पूरे होने पर लखनऊ में किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर प्रदर्शन किया। एमएसपी, बिजली-पानी की समस्याएं गिनाते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के कमलेश यादव ने कहा- 713 किसानों की शहादत को भूले नहीं हैं। देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भारत सरकार को यह बताना चाहते हैं कि हम किसान एक थे। हमेशा एक रहेंगे। आप भूल गए होंगे। मगर हम कभी नहीं भूलेंगे। कैसे अपने हकों के लिए हमारे 713 किसान भाइयों ने जान दी थी। सरकार ने लिखित में दिया उन्होंने कहा- सरकार ने लिखित में दिया कि मगर फिर भी झूठ बोला जा रहा है। आज तक एक भी मांग पूरी नहीं हुई। यह बेहद शर्मनाक है कि अन्नदाताओं को अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। संघर्ष करना पड़ रहा है। किसानों को सम्मान और दोगुनी आय सिर्फ कागजों में मिल रही है। ‘अधिकारी बन रहे है रोड़ा’ कमलेश यादव ने कहा- किसानों के तमाम मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है। बिजली, नहर, पशु, LDA, खाद की तमाम समस्याएं हैं। अधिकारी गूंगे बहरे हो गए हैं। हमारी बातों को नहीं सुनते। अधिकारी ऊपर तक हमारी बात नहीं पहुंचाते। बीच में नेता रुकावट बन जाते हैं, इसलिए कोई भी मांग पूरी नहीं हो रही है। कई बार हमने धरना प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री को पत्र लिखा मगर कोई भी परिणाम नहीं निकला। ‘महाआंदोलन की चेतावनी’ सरकार अपने अधिकारियों और मंत्रियों से कहे की आंखें खोले कर किसान की समस्याएं सुने। लखनऊ में 14 गोशाला, 28 कांजी हाउस बने हैं। फिर भी गाय और अन्य जानवर मर रहे हैं। भ्रष्टाचार अधिकारी कभी देखने नहीं जाते हैं कि किसान और गाय किस हाल में है। हम लोग बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। अगर जल्द ही हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो सभी किसान सड़कों पर होंगे। संयुक्त मोर्चा आंदोलन को लेकर रणनीति बना रहा है।
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