लखनऊ में सोमवार को उत्तर प्रदेश ऑटो लोडर संयुक्त कल्याण समिति का विरोध प्रदर्शन। अपनी मांगों को लेकर संगठन के पदाधिकारी और सदस्यों ने इको गेर्डेन में प्रदर्शन किया । समिति के लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमारी मांगो को लेकर लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। ’22 हजार जुर्माना वसूला जाता है’ इको गेर्डेन में प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी और हंगामा किया। प्रदेश अध्यक्ष राजीव जायसवाल ने कहा कि ऑटो लोडर्स से अवैध वसूली हो रही है। हम लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं मगर कहीं भी सुनवाई नही हक रही है।उन्होंने बताया कि ₹ 22 हजार एक बार में चालान के नाम पर जुर्माना वसूला जा रहा है। हमारी मांग यह है कि 1988 मोटर अधिनियम कानून के तहत जुर्माना वसूला लिया जाए। ‘चालान भरने के बाद घर चलाना मुश्किल’ पदर्शनकरियों ने कहा कि उत्तराखंड में यह जुर्माना ₹2000 प्रति टन है और उत्तर प्रदेश में यही जुर्माना ₹22000 वसूला जा रहा है। अगर एक बार गाड़ी रोकी जाती है तो कम से कम ₹40 हजार का जुर्माना देना पड़ता है । अगर महीने में चार बार चालान हो गया तो हम लोगों को ₹2 लाख भरना पड़ जाता है। इसके बाद स्थिति ऐसी हो जाती है की गाड़ी के किश्त देने के पैसे नहीं होते है। बच्चों की पढ़ाई घर का राशन सब कुछ प्रभावित होता है। ‘वसूली न देने पर होता है चालान’ प्रदर्शन में शामिल रूहिद खान ने कहा कि ट्रकों की एंट्री के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। पूरे प्रदेश में यह अवैध वसूली हो रही है कि ₹2000 अवैध तरीके से दे दो जिसके बाद कहीं भी गाड़ी रोक नहीं जाती है और कोई चालान नहीं होता। लखनऊ , बहराइच , फैजाबाद , गोंडा , बाराबंकी और बलरामपुर सब जगह अवैध वसूली जारी है। पूरे प्रदेश में आरटीओ के द्वारा एंट्री के नाम पर हर जगह वसूली होती है। हम लोग इस से त्रस्त हो चुके हैं । संबंधित मामले को लेकर कई बार आल्हा अधिकारियों से शिकायत किया परिवहन मंत्री से शिकायत किया मगर कोई सुनवाई नहीं हुई।
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