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लखनऊ में अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की पहली बैठक:परिवहन मंत्री बोले- अंतर्देशीय जल परिवहन प्रदेश के लिए नया अवसर

उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की पहली आधिकारिक बैठक मंगलवार को राजधानी लखनऊ में हुई, जिसमें परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने जल परिवहन को प्रदेश की विकास यात्रा का नया अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पास जल संसाधनों का विशाल भंडार है और देश में चिन्हित 111 इनलैंड वाटरवे में से 11 अकेले यूपी में हैं, जो राज्य को एक नई दिशा देने की क्षमता रखते हैं। बैठक में मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि जल मार्ग इतिहास में हमेशा मानव सभ्यता का आधार रहा है। सभी बड़े प्राचीन शहर नदियों के किनारे बसे, क्योंकि जल परिवहन ही सुरक्षित और सुलभ साधन था। जल मार्ग इतिहास में हमेशा मानव सभ्यता का आधार रहा उन्होंने कहा कि भारत की राजकुमारी सुरीरत्ना अयोध्या से कोरिया तक जल मार्ग से गई थीं, और उनका जहाज़ आज भी कोरिया के संग्रहालय में संरक्षित है। प्रदेश में नदियों के अलावा कई अन्य जल स्रोत जैसे बलिया का सूरहा ताल और गोरखपुर का रामगढ़ ताल पर्यटन और परिवहन, दोनों क्षेत्रों में बड़े अवसर पैदा करते हैं। पर्यावरण संरक्षण में जल परिवहन एक प्रभावी विकल्प परिवहन मंत्री ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के दौर में जल परिवहन कार्बन उत्सर्जन कम करने का सबसे प्रभावी माध्यम बन सकता है। उन्होंने कहा कि, “जल परिवहन से उत्सर्जन लगभग नगण्य होता है, इसलिए यह पर्यावरण को बचाने के लिए बेहतरीन विकल्प है।” इसके साथ ही उन्होंने फ्लोटिंग होटल, क्रूज़, रेस्टोरेंट जैसे विकल्पों के जरिए पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही और विशेषज्ञों से आग्रह किया कि वे व्यक्तिगत रुचि के साथ इस दिशा में काम करें। भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में यूपी की बड़ी भूमिका दयाशंकर सिंह ने विश्वास जताया कि उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बन सकता है। उन्होंने कहा कि वाराणसी और पटना जैसे शहरों में जलमार्ग विकास के अच्छे मॉडल मौजूद हैं और यूपी इनसे सीखकर तेजी से आगे बढ़ सकता है। केंद्र और राज्य मिलकर बनाएंगे ढांचा – आईडब्ल्यूएआई अध्यक्ष बैठक में शामिल इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IWAI) के अध्यक्ष सुनील पालीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनलैंड वॉटरवेज़ को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने बताया कि, 2014 से पहले सिर्फ 5 जलमार्ग विकसित थे वर्तमान में 111 जलमार्ग विकसित किए जा चुके हैं केवल पिछले 10 वर्षों में 106 नए जलमार्गों पर काम हुआ है उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भूमि उपलब्ध कराए और केंद्र वित्तीय संसाधन दे तो जलमार्ग विकास तेजी से हो सकता है। 2050 तक इनलैंड वॉटरवेज का पूर्ण विकास लक्ष्य पूर्व सचिव और आईडब्ल्यूएआई के चेयरमैन टीके रामचंद्रन ने कहा कि 2050 तक देश में जलमार्गों का संपूर्ण नेटवर्क विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने बताया कि कोच्चि में पहला इनलैंड वॉटर मेट्रो शुरू हो चुका है। असम और बंगाल में नदियों को आवश्यक गहराई देकर जल परिवहन मजबूत किया गया है एक जहाज़ 50–60 ट्रकों जितना माल ढो सकता है, जिससे परिवहन लागत में भारी कमी आएगी


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