अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने लखनऊ नगर निगम द्वारा 1 अप्रैल से विभिन्न व्यवसायों पर लगाए जाने वाले लाइसेंस शुल्क का कड़ा विरोध किया है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल ने कहा कि इस नए शुल्क को लेकर राजधानी के व्यापारियों में भारी रोष है। उन्होंने नगर निगम से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि यह शुल्क किस अधिनियम या धारा के तहत लिया जा रहा है। बंसल ने विधायक निवास स्थित दारुलशफा में आयोजित एक प्रेस वार्ता में यह बात कही। उन्होंने यह भी बताया कि व्यापारी पहले से ही अनावश्यक जल कर की नोटिसों से परेशान हैं, ऐसे में इस प्रकार का नया विवाद उत्पन्न करना उचित नहीं है। उन्होंने जल संस्थान से ऐसी अनावश्यक नोटिसों को भी स्थगित करने का आग्रह किया। कुछ विशिष्ट व्यवसायों पर ही शुल्क लेने का अधिकार संदीप बंसल ने स्पष्ट किया कि नगर निगम को केवल डेरी, मांस की दुकानें, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थ, कसाइयों और पशु-पक्षियों के व्यापार जैसे कुछ विशिष्ट व्यवसायों पर ही शुल्क लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जिम, ब्यूटी पार्लर, कोचिंग संस्थान, चार्टर्ड अकाउंटेंट कार्यालय, स्पा सेंटर, ज्वेलरी, कपड़ा, जूता शोरूम, स्पोर्ट्स अकादमी, बेकरी फैक्ट्री, टी स्टॉल, बिल्डर रजिस्ट्रेशन, फैब्रिकेटर्स, आरा मशीन, बिल्डिंग मटेरियल, रंग-पेंट और फर्नीचर की दुकानों पर शुल्क लेने का कोई प्रावधान नहीं है। नगर निगम की व्यवसायों पर शुल्क लगाने की योजना बंसल ने बताया कि नगर निगम इन सभी व्यवसायों पर शुल्क लगाने की योजना बना रहा है, जबकि ये सभी व्यापार वस्तु एवं वाणिज्यकर (GST) की श्रेणी में आते हैं। इस संबंध में दारुलशफा कार्यालय में प्रमुख पदाधिकारियों की एक बैठक भी हुई, जिसमें नगर निगम द्वारा प्रस्तावित इस लाइसेंस शुल्क की कार्यवाही पर आपत्ति जताते हुए इसे पूरी तरह अस्वीकार करने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष रिपन कंसल, लखनऊ महानगर अध्यक्ष सुरेश छाबलानी, प्रदेश संगठन मंत्री जावेद बेग, युवा नगर अध्यक्ष अश्वन वर्मा, सनत गुप्ता, अनुज गौतम और अनुराग बंसल सहित कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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