लखनऊ में गोमतीनगर स्थित लोहिया पार्क में सोनचिरैया के ‘देशज’ की दूसरी शाम सजी। कार्यक्रम का उद्घाटन स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक कौशल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने किया। कौशल ने कहा कि लोक कलाओं के संरक्षण में लोकप्रिय गायिका मालिनी अवस्थी के सतत प्रयासों का प्रतिफल उन्हें पद्मश्री के रूप में मिला है , वह विश्वभर में भारतीय लोक संस्कृति की पहचान बन चुकी हैं। मुखौटा नृत्य आकर्षण का केंद्र बना कार्यक्रम की शुरुआत महाराष्ट्र के सांगी मुखौटा नृत्य से हुई जिसमें कलाकारों ने पशु और मानव जीवन के गहरे संबंध को मुखौटों के माध्यम से दर्शाया। इसके बाद प्रसिद्ध कलाकार जयाप्रभा मेनन व सहयोगियों ने चामुंडा थेय्यम एवं पुट्टम थेय्यम की प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मिजोरम के चेरा नृत्य ने पर्वतीय खेती और फसल की रक्षा से जुड़ी आनंद परंपराओं को जीवंत किया। विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक झलक दिखी भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने कजरी गायन के माध्यम से विंध्यवासिनी देवी को नमन करते हुए ‘माई विंध्याचल के महिमा अपार बा’ और ‘रुनझुन खोल ना केवड़िया’ जैसे गीतों से माहौल को सूफियाना कर दिया।इसके बाद राजस्थान की घूमर और चरी नृत्य प्रस्तुतियों ने लोक सौंदर्य को उकेरा, छत्तीसगढ़ के गोंड मरिये नृत्य ने विवाह उत्सव की उमंग जगाई। पंजाब के गिद्धा ने तीज-त्योहारों की खुशियां दिखाई, जबकि गुजरात का डांगी नृत्य नई फसल और विवाहोत्सव की उमंग के साथ पिरामिड प्रदर्शन का आकर्षण समेटे रहा। ‘बिदेसिया’ की मंचन से गूँजी प्रवास की पीड़ा शाम की मुख्य प्रस्तुति भिखारी ठाकुर की प्रसिद्ध कृति ‘बिदेसिया’ रही, जिसका निर्देशन संजय उपाध्याय ने किया। म्यूजिकल ड्रामा में रोजगार की तलाश में कोलकाता गए युवक और उसके पीछे छूट गई पत्नी के विरह को मार्मिक ढंग से दर्शाया गया। नाटक में कुमार स्पर्श ने बिदेसिया की भूमिका निभाई, जबकि अपराजिता मिश्रा, उर्मिला, जफर अकबर सहित कई कलाकारों ने प्रभावशाली अभिनय किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कला प्रेमी मौजूद रहे।
https://ift.tt/Yra1jq9
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply