लखनऊ जेल में ठगी के एक मामले में बंद बांग्लादेश के गोपालगंज जिले के गोहाला गांव निवासी हसन शेख पर अब खुफिया एजेंसियों की नजरें और भी गड़ी हुई हैं। आशंका है कि हसन सिर्फ रुपए की ठगी ही नहीं, बल्कि कुछ संदिग्ध गतिविधियों में भी शामिल रहा है। एजेंसियां उसकी पृष्ठभूमि की गहराई से पड़ताल कर रही हैं। इसके साथ ही आठ साल पहले उसके साथ भारत में घुसपैठ करने वाले दो साथियों का सुराग खोजने के लिए भी कोशिशें तेज कर दी गई हैं। रियाल बदलने के बहाने चूड़ी व्यापारी से की ठगी 15 नवंबर को बांग्लादेशी हसन शेख और पश्चिम बंगाल का रहने वाला उमर शेख महानगर के निशातगंज इलाके में चूड़ी कारोबारी गुल्लू सोनकर के पास पहुंचे। दोनों ने 300 रियाल देने का लालच देकर दो लाख रूपए में सौदा तय किया। अगले दिन यानी 16 नवंबर को वजीरगंज में रियाल देने के नाम पर गुल्लू को बुलाया गया। यहां आरोपियों ने गुल्लू को कागजों का बंडल पकड़ा दिया और उसके दो लाख रूपए लेकर फरार हो गए। शुक्रवार को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। तीन राज्यों में खंगाले जा रहे हसन के नेटवर्क सूत्रों के मुताबिक एजेंसियां हसन के पश्चिम बंगाल, मुंबई और दिल्ली में रहने के दौरान बने संपर्कों की जांच कर रही हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या वह कहीं किसी संदिग्ध गतिविधि में शामिल था। दिल्ली में उसके बताए पते की तस्दीक के लिए वजीरगंज थाने से तीन पुलिस टीमें जल्द ही रवाना होंगी। घुसपैठ के बाद तीन साल तक साथ थे साथी जांच में सामने आया है कि जिन दो साथियों के साथ हसन ने भारत में घुसपैठ की थी, वे करीब तीन साल तक पश्चिम बंगाल में उसी के साथ रहे। वहीं से हसन, उसके दोनों साथी और उमर शेख ने रियाल के नाम पर ठगी का तरीका सीखा। आरोपी इतने सतर्क थे कि किसी भी खतरे की आहट मिलते ही राज्य बदलकर भाग जाते थे। हालांकि दिल्ली पुलिस ने हसन और उमर को पहले भी पकड़ा था, जबकि उसके दो साथी मौके से फरार होने में सफल रहे थे।
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