लखनऊ में विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष में राज्य पुरातत्व निदेशालय द्वारा शुक्रवार को छतर मंजिल परिसर में एक दिवसीय योग साधना शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के नेतृत्व में संपन्न हुआ। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली, कार्यक्षमता और मानसिक संतुलन को बेहतर बनाने के उद्देश्य कार्यक्रम हुआ। योग साधना शिविर में राकेश चतुर्वेदी और विशाखा ने प्रतिभागियों को ध्यान और योग की महत्ता से अवगत कराया। उन्होंने ध्यान के विभिन्न आयामों, उसके वैज्ञानिक आधार तथा दैनिक जीवन पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। प्रशिक्षकों ने बताया कि नियमित ध्यान एवं श्वसन आधारित साधनाओं के अभ्यास से तनाव, निराशा और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है, जिससे व्यक्ति में आत्मविश्वास, सकारात्मक दृष्टिकोण और मानसिक शांति का विकास होता है। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को योगासन, प्राणायाम और ध्यान का व्यावहारिक अभ्यास भी कराया गया। अभ्यास सत्र के बाद उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने मानसिक ताजगी, एकाग्रता और ऊर्जा का अनुभव किया। राज्य पुरातत्व निदेशालय की निदेशक रेनू द्विवेदी ने कहा कि इस प्रकार के शिविर कार्यदबाव को कम करने और सकारात्मक वातावरण बनाने में सहायक होते हैं। योग और ध्यान न केवल व्यक्तिगत जीवन को संतुलित बनाते हैं, बल्कि संस्थागत कार्यसंस्कृति को भी बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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