लखनऊ में उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित 10 दिवसीय ‘खादी महोत्सव 2025’ जारी है।सोमवार को बड़ी संख्या में खादी प्रेमियों की रौनक दिखी। गोमती नगर स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में लगे मेले में सुबह से ही खरीददारों की भीड़ उमड़ती रही। स्थानीय और पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पादों की देशी खुशबू ने पूरे परिसर को उत्सवी रंग में रंग दिया। महोत्सव में गांधी आश्रम बाराबंकी के स्टॉल पर ऊनी, सूती और खादी के परिधानों की जोरदार बिक्री हुई। वहीं ग्रामोदय संस्थान, सीतापुर के उत्पादों ने भी ग्राहकों को खूब आकर्षित किया। खादी–रेशम के परिधान, हर्बल उत्पाद, अचार–मुरब्बे, हस्तनिर्मित साबुन, प्राकृतिक जड़ी-बूटियों तथा स्वदेशी खाद्य सामग्री वाले स्टॉलों पर लगातार भीड़ देखी गई। उद्यमियों ने बताया कि त्योहार जैसे माहौल में बेहतर बिक्री से उन्हें बड़ी राहत मिली है। बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शिशिर ने बताया कि महोत्सव का उद्देश्य खादी को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए युवाओं में लोकप्रिय बनाना है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में खादी और ग्रामोद्योग की इकाइयां मजबूत स्तंभ बन सकती हैं। राज्य के विभिन्न जिलों के उत्पाद आज लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। प्रदर्शनी के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार की प्रेरणा देना बोर्ड का प्रमुख लक्ष्य है। सीईओ शिशिर ने जानकारी दी कि खादी और ग्रामोद्योग इकाइयों को बड़ा बाजार उपलब्ध कराने के लिए मंगलवार को ‘क्रेता–विक्रेता सम्मेलन’ आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन में खादी संस्थानों के उत्पादक, इकाइयां, एनबीआरआई और सी–मैप के वैज्ञानिक, फैशन इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ तथा फ्लिपकार्ट के ई–कॉमर्स प्रतिनिधि शामिल होकर उद्योगों को डिजिटल और आधुनिक बाजार से जोड़ने पर चर्चा करेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकार अर्पित शुक्ला ने गिटार पर मनमोहक धुनें पेश कर माहौल को खुशनुमा बना दिया।
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