समीर कुमार उर्फ मंटू का शव शुक्रवार की सुबह 9 बजे लखनऊ से बेल्थरा रोड स्थित उनके पैतृक आवास पहुंचा। शव पहुंचते ही पूरे इलाके में कोहराम मच गया और सैकड़ों की संख्या में लोग मौके पर जुट गए। मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। इस दौरान लोगों के बीच मंटू की हत्या को लेकर चर्चाएं तेज रहीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंटू की मौत सामान्य नहीं है, बल्कि यह एक सोची-समझी हत्या का मामला है। लोगों में घटना को लेकर आक्रोश है, लेकिन वे संयम बरतते नजर आए। प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। मंटू की हत्या ने बेल्थरा रोड क्षेत्र की कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। लोगों ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी व कड़ी सजा की मांग की है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच की बात कह रही है। हालांकि, मंटू की मौत ने क्षेत्र में दहशत और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। मौके पर पहुंचे उभांव एसएचओ संजय शुक्ल ने परिजनों से बातचीत कर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि घटना उभांव थाना क्षेत्र का नहीं है। परिजनों ने मऊ जिले के रामपुर बेलौली थाना पुलिस की मौके पर मौजूदगी की मांग की। समीर उर्फ मंटू अपने तीन भाइयों राम प्रवेश और सुमीत में तीसरे स्थान पर थे। उनकी दो बहनों, रेखा और राखी, की शादी हो चुकी है। मृतक के परिजनों से मिलने पहुंचे बसपा नेता विनोद कुमार सेहरा, सपा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख विनय प्रकाश अंचल, अंगद यादव, सामाजिक कार्यकर्ता डीके सहित अन्य लोगों ने पुलिस प्रशासन से बातचीत की। नेताओं ने कहा कि अगर ऐसी लगातार घटनाएं होती रहीं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। परिजनों ने कहा कि जब तक डीएम खुद नहीं आकर कार्रवाई की बात करेंगे तब तक शव नहीं उठाया जाएगा।
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