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लखनऊ के डॉग शो में आया रूस से इम्पोर्ट डॉग:साइबेरियन नस्ल का डॉग जीत चुका है 26 खिताब, पीता है लस्सी

लखनऊ में अवध कैनल क्लब द्वारा आयोजित दो दिवसीय भारतीय डॉग शो रिजर्व पुलिस लाइन में शुरू हो गया है। इस शो में भारत के विभिन्न राज्यों से लगभग 300 पंजीकृत कुत्ते भाग ले रहे हैं। कुत्तों की नस्ल की गुणवत्ता, प्रशिक्षण, फिटनेस और व्यवहार के आधार पर उनकी जांच की जा रही है। कार्यक्रम के उपाध्यक्ष आर.एस. वाजपेयी ने बताया कि अवध कैनल क्लब उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना क्लब है, जिसकी स्थापना लगभग 50 वर्ष पहले हुई थी। यह आयोजन क्लब के पूर्व सचिव के.के. त्रिवेदी की स्मृति में लगातार चौथे वर्ष किया जा रहा है। त्रिवेदी लखनऊ के प्रसिद्ध डॉग लवर थे, जो बाद में अंतरराष्ट्रीय जज और कैनल क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी बने। दो दिवसीय इस आयोजन में चार जज आर.एस. वाजपेयी ने बताया कि दो दिवसीय इस आयोजन में चार जज शामिल हैं। पहले दिन भारत के अनुभवी जज गौरी नालगांवकर और सिद्धार्थ शर्मा ने जजिंग की। दूसरे दिन कैनल क्लब ऑफ इंडिया की जनरल सेक्रेटरी सी.वी.सुदर्शन (चेन्नई) और मारिया (बेलारूस) जजिंग करेंगी। एक मुख्य ब्रीड शो के साथ चार स्पेशियलिटी ब्रीड शो भी हो रहे हैं, जिनमें लैब्राडोर और जर्मन शेफर्ड जैसी लोकप्रिय नस्लें शामिल हैं। चैंपियनशिप जीतने वाले कुत्तों को कैनल क्लब ऑफ इंडिया का प्रमाण पत्र दिया जाता है, जिसकी बाजार में काफी अहमियत है। कुत्तों पर किसी भी प्रकार का अत्याचार न हो सीतापुर महोली से भाजपा विधायक और क्लब के सेक्रेटरी शशांक त्रिवेदी ने कहा कि 1972 से लगातार आयोजित हो रहा यह शो पर्यटन को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के डॉग वेलफेयर से जुड़े निर्देशों के अनुसार, यहां कुत्तों की देखभाल, प्रशिक्षण और समायोजन से संबंधित जागरूकता भी प्रदान की जाती है। यह एक ऐसा मंच है जहां सभी लोग बिना किसी भेदभाव के जुड़ते हैं। सरकार और नगर निगम भी इस आयोजन में सहयोग कर रहा है, ताकि कुत्तों पर किसी भी प्रकार का अत्याचार न हो। डॉग मालिकों ने शो के प्रति अपना उत्साह साझा किया रायबरेली से आए प्रतिभागी विजय राज ने बताया कि उनके पास जो डॉग है, उसके पिता साइबेरियन नस्ल के हैं। यह डॉग 2 साल का है और पिछले 11 महीनों से लगातार विभिन्न शो में भाग ले रहा है। अब तक यह कुल 26 खिताब जीत चुका है। अलवर (राजस्थान), बरेली, जयपुर, आगरा, कानपुर और प्रयागराज सहित कई शहरों में प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुका है। खाने में इनको अंडा, लस्सी, पनीर और जो हम लोग खाते हैं यही सब खिलाते हैं। रूस से इम्पोर्ट डॉग भी आया दिल्ली से आए सौरभ ने बताया कि उनका डॉग रूस से इम्पोर्ट किया गया है। यह अब तक 3 सीसी ‘चैलेंज सर्टिफिकेट’ और ‘बेस्ट ब्रीड’ जैसी उपलब्धियां हासिल कर चुका है। जैसे ही यह 4 चैलेंज सर्टिफिकेट जीत लेगा इसे इंडियन चैंपियन की उपाधि मिल जाएगी। अब तक यह 6 प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुका है और प्रत्येक में प्रथम, द्वितीय या तृतीय स्थान प्राप्त किया है। इस डॉग का नाम ‘ऐल्फ’ है। खाने में इनको अंडा, चिकन, पेडीगिरी खिलते हैं। दिन में ड्राई फ्रूट खिलाते हैं कोलकाता से शो में आए विप्लाश शिवानी ने बताया कि उनके डॉग की मालिक बिपाशा मजूमदार हैं। वे उसके ट्रेनर और ग्रूमर हैं। उसकी देखभाल का पूरा कार्य संभालते हैं। यह डॉग शिह-त्जू (Shih-Tzu) नस्ल का है। पिछले तीन साल से देशभर में आयोजित लगभग सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कई शो जीत चुका है। उन्होंने बताया कि इसे दिन में ड्राई फ्रूट खिलाया जाता है। रोजाना ग्रूमिंग इसकी मेंटेनेंस का अहम हिस्सा है। बरेली से आए प्रियांश साहू ने बताया कि वे इस शो में दो डॉग लेकर आए हैं। एक 8 महीने का रॉटवाइलर पप्पी और एक लॉन्ग-कोट जर्मन शेफर्ड है। उन्होंने बताया कि लगभग 250 से 300 किलोमीटर के दायरे में होने वाले सभी शो में वे भाग लेते हैं। हाल ही में उनके रॉटवाइलर ने अलीगढ़ में ‘बेस्ट ब्रीड ऑफ इंडिया’ का पुरस्कार जीता है। ‘बेस्ट पप्पी शो’ और ‘कंप्लीट चैलेंजिंग सर्टिफिकेट’ भी हासिल कर चुका है। उन्होंने कहा कि डॉग्स को बेहतरीन ट्रेनिंग और लोगों के बीच मिलाना जरूरी है, इससे वे आक्रामक नहीं होते।


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