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रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को ढूंढने निकलीं लखनऊ मेयर:सपा पार्षद के प्लॉट पर मिलीं 80 झोपड़ियां; खर्कवाल बोलीं- इनमें घुसपैठिए रहते हैं

सीएम योगी के निर्देश के बाद लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल खुद ही बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को ढूंढने निकलीं। वह गुरुवार को गुडंबा थाना क्षेत्र के फूलबाग बहादुरपुर में नगर निगम की टीम लेकर पहुंच गईं। वहां सपा पार्षद के प्लॉट पर 80 झोपड़ियां मिलीं। मेयर के पहुंचने की भनक लगते ही झोपड़ियों में मौजूद पुरुष भाग गए। वहां केवल महिलाएं बचीं जो उन्हें कोई भी कागज नहीं दिखा सकीं। झोपड़ियों में बिजली के कनेक्शन दिए गए हैं। अंदर टीवी लगे हैं, फ्रिज भी रखे हैं। मेयर ने कहा- इन झोपड़ियों में बांग्लादेशी रहते हैं। उन्हें 15 दिन का समय दिया है। इन्हें हर हाल में शहर से बाहर जाना होगा। सपा पार्षद के पति पंकज यादव ने कहा- झोपड़ियों में रोहिंग्या और बांग्लादेशी नहीं रहते हैं। इनमें असम के नागरिक रहते हैं और घरों से कूड़ा उठाकर अपना जीवनयापन करते हैं। पहले 3 तस्वीरें देखिए… सपा पार्षद की जमीन पर बनी हैं झोपड़ियां लोगों ने बताया- ये झोपड़ियां शंकरपुरवा प्रथम वार्ड की सपा पार्षद नमिता यादव के पति पूर्व पार्षद पंकज यादव की जमीन पर बनी हैं। इन झुग्गियों की वजह से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होती है। इसकी कई बार मेयर और नगर निगम से शिकायत की थी। मौके पर अवैध तरीके से कूड़ा ढुलाई करने वाली ठेली और कबाड़ बरामद हुआ है। मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा- 80 झुग्गियों में बिजली आपूर्ति की जा रही थी। 2 किलो वाट का कनेक्शन लेकर यह खेल चल रहा है। मेयर ने मौके पर बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा- आप लोग सिर्फ पैसा कमा रहे हैं। झोपड़ियों में केवल महिलाएं मिलीं मेयर सुषमा खर्कवाल ने दैनिक भास्कर से बताया- सीएम योगी के निर्देश के बाद अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। मैं जब तक पहुंची तब तक पुरुष भाग चुके थे। यहां केवल महिलाएं मिलीं। वे डॉक्यूमेंट भी नहीं दिखा पाईं। झोपड़ियों में मीटर तक लगा रखा है। बिजली विभाग से SDO को साथ लेकर आई थी। उन्हें यहां के सभी कनेक्शन काटने के लिए कहा है। 15 दिन का समय दिया है। ये सब बांग्लादेशी हैं। इन्हें शहर छोड़कर जाना पड़ेगा। मेरे पूछने पर बताया कि बंप्रेटा गांव के रहने वाले हैं। अपने ग्राम प्रधान, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि के बारे में पूछा तो कोई जवाब नहीं दे सका। 50 ठेली और कूड़ा बरामद मेयर ने कहा- मेरे के साथ अपर नगर आयुक्त ललित कुमार भी पहुंचे। मौके से करीब 50 ठेली बरामद की गई। इन्हें नगर निगम ने कब्जे में ले लिया। इसके साथ ही मौके पर अवैध ढंग से रखा गया। कूड़ा भी नगर निगम की टीम ने जब्त किया है। यहां पर झुग्गियों में सुविधा के भी इंतजाम हैं। इसमें फ्रिज, कूलर भी शामिल है। मेयर सुषमा खर्कवाल ने 15 दिनों में झुग्गी-झोपड़ी खाली करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अगर तय समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो वह फिर से 15 दिनों बाद आकर कार्रवाई करेंगी। स्थानीय लोग बोले- सुरक्षा व्यवस्था का खतरा स्थानीय लोग बोले- अवैध तरीके से यह बस्ती बसाई गई। उसके बाद से यहां पर सुरक्षा व्यवस्था का खतरा बना हुआ है। ये लोग कूड़ा-कचरा फैला देते हैं। रात में यहां पर कबाड़ जलाया जाता है। स्थानीय रमेश ने बताया कि पार्षद नमिता यादव के पति पंकज यादव की जमीन पर यह लोग बसे हुए हैं। इन्हीं लोगों की तरफ से इन्हें बसाया गया है। इसके चलते सुरक्षा का खतरा बना हुआ है। शाम को 6 बजे के बाद यहां स्थिति बदहाल हो जाती है। गांजा-अफीम सब चलता है। इन लोगों के गंदगी फैलाने के कारण हर मौसम में सबसे पहले हमारे एरिया में डेंगू फैलता है। बस हम यही चाहते हैं कि यहां साफ-सफाई हो जाए। हम लोग भी यहीं के रहने वाले हैं। हमें भी खुली हवा में सांस लेने की आजादी दी जाए। झोपड़ी वाला बोला- मेयर के साथ आए लोगों ने लूटा झोपड़ी में रहने वाले इम्तियाज अली ने बताया- हम लोग असम के रहने वाले हैं। मौके पर पहुंचे लोगों ने दिन में डकैती डाली है। वे लोग लाखों रुपए का सामान लेकर चले गए। इस मौके पर विरोध भी करने लगे। इसके साथ ही NRC सहित अन्य डॉक्यूमेंट भी दिखाने लगे। हम लोग यहीं भारत के रहने वाले हैं। हमारा सामान छोड़ा जाना चाहिए। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम सीमा के अंतर्गत जो भी घर से कूड़ा या मलबा निकलता है उसका कलेक्शन सिर्फ और सिर्फ नगर निगम करेगा। ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर नगर निगम की तरफ से कार्रवाई की जाएगी। ‘मेयर के पास कमीशन कम आ रहा होगा इसलिए परेशान हैं’
पूर्व पार्षद पंकज यादव ने कहा- यह हमारी पुश्तैनी प्रॉपर्टी है। मेयर सम्मानित हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता है कि कौन दूसरे राज्य का है, कौन बांग्लादेशी और रोहिंग्या है। सुषमा खर्कवाल लखनऊ की मेयर हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि कैसे बांग्लादेशी आ गए? सरकार आपकी है। आप लोग क्या कर रहे हैं? झुग्गी-झोपड़ी में असम के नागरिक रहते हैं। यहां रहने वाले लोगों उन जगहों से कूड़ा उठाते हैं, जहां नगर निगम की गाड़ियां नहीं पहुंचती हैं। यह लोग ठेली से 50-100 रुपए लेकर कूड़ा उठाते हैं। इसी से इन लोगों की रोजी रोटी चलती है। मेयर के पास में कमीशन कम आ रहा होगा, इसलिए परेशान होंगी। यहां रहने वाले लोग बांग्लादेशी नहीं हैं। यह बात 200 प्रतिशत सही है। ———————— ये खबर भी पढ़िए… ‘सर्वर डाउन का खेल कर रहे अधिकारी’ : लखनऊ में वक्फ डेटा अपलोड के लिए भटक रहे फरियादी, बोले- रात में 3 बजे खुलती है वेबसाइट सरकार के उम्मीद पोर्टल (https://ift.tt/cxajRVm) पर गड़बड़ियों के चलते वक्फ की संपत्तियों का डेटा अपलोड नहीं हो पा रहा है। इसके चलते लखनऊ में परेशानी बढ़ गई है। पोर्टल पर संपत्तियों का विवरण अपलोड करने की डेडलाइन 5 दिसंबर है और उसके एक दिन पहले, आज यानी 4 दिसंबर तक सुन्नी की 80% और शिया की 55% प्रॉपर्टी का डेटा अपलोड नहीं हो पाया। (पूरी खबर पढ़िए)


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