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रेवाड़ी कार लूट, पीएचडी स्कॉलर के तीन और साथी गिरफ्तार:यूपी में तैयार हो रहा था मजबूत नेटवर्क, अब दूसरे साथियों पर पुलिस की नजर

रेवाड़ी में ड्राइवर को गोली माकर कार लूट मामले में पुलिस ने यूपी को तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक देवांशु के लिए फर्जी सिम कार्ड और दो बंटी के मार्फत असला पहुंचाते थे।
देवांशी पिता के एक्सीडेंट का बदला लेने के लिए गैंग तेयार कर रहा था। जिसमें अब तक हुई 6 गिरफ्तारियों में से पांच यूपी से हुई हैं। उनमें भी अकेले मेरठ के चार गिरफ्तारी हुई हैं। पुलिस की नजर अब देवांशु के नेटवर्क से जुड़े दूसरे लोगों पर है।
इन्हें किया गिरफ्तार
पुलिस ने कार लूट मामले में अंकुर कुमार गांव अन्ची मेरठ, विक्रम सिंह उर्फ मंगू कुंडा मेरठ और अश्वनी कुमार निवासी लोहिया हाल देवलापुरम मेरठ को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए दो आरोपी मेरठ से गिरफ्तार किए गए बंटी के मार्फत देवांशु तक हथियार पहुंचाते थे। तीसरा आरोपी देवांशु को फर्जी सिम देता था। पुलिस अब देवांशु के नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों तक पहुंचने का प्रयास करेगी। बनीपुर चौक पर लूटी थी कार
राजस्थान के अजमेर निवासी देवांशु जयपुर यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा है। देवांशु ने अपने दोस्त आजमगढ़ निवासी शुभम के साथ मिलकर रेवाड़ी के बनीपुर चौक पर ड्राइवर को गोली मारकर कार लूटी थी। आरोपियों ने 15/16 दिसंबर की रात वारदात को अंजाम दिया था। जिन्हें पांच दिन का रिमांड खत्म होने के बाद जेल भेजा जा चुका है। हथियार सप्लायर मेरठ निवासी बंटी अभी पुलिस रिमांड पर हैं।
विनोद फैडरिक से लेना था बदला
देवांशु के पिता सूरजभान का 1995 में एक्सीडेंट हो गया था। देवांशु को पिता के एक्सीडेंट के पीछे हिस्ट्रीशीटर विनोद फैडरिक का हाथ होने का पता चला तो उसने बदला लेने के लिए गैंग बनाने की ठान ली थी। बैंकों से 50 लाख रुपये लोन लेकर गैंग के लिए हथियार और अन्य सामान खरीदा। अपने मंसूबों को पूरा करने से पहले ही रेवाड़ी पुलिस ने देवांशु को उसके साथी शुभम के साथ कार लूटने के आरोप में हथियारों के साथ पकड़ लिया।
सूरजभान ने फेडरिक को पकड़ा था
ब्वायर राजस्थान के रहने वाले विनोद फेडरिक वाला है। 1993 में उसने युवक की तलवार से काटकर हत्या कर दी थी। देवांशु के पिता राजस्थान पुलिस के जवान सूरजभान ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। जिसे बाद में 10 साल की सजा हुई। फेडरिक की गिरफ्तारी के ठीक एक साल बाद 1995 में सूरजभान का एक्सीडेंट हो गया था। परिवार जिसके पीछे फेडरिक का हाथ मानता था।
दिल्ली से बुक की टैक्सी
देवांशु ने अपने साथी द्वारा दिल्ली से जयपुर के लिए कैब बुक की थी। देवांशु और शुभम ने दिल्ली जयपुर हाइवे पर 15/16 की रात ड्राइवर संजय को गोली मारकर कार लूट ली थी। सूचना के बाद 16 दिसंबर को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। यह मिले हथियार
पुलिस अब तक आरोपियों के पास से सात पिस्टल, 11 मैगजीन, 339 कारतूस, 22 मैगजीन की स्प्रिंग, एक बैरल की स्प्रिंग, एक बैग, एक आईफोन, छह वाकी-टाकी सैट, पांच वॉकी-टाकी चार्जर, पांच अडैप्टर, एक पैकेट दस्ताना, एक दूरबीन, दो पावर अडॉप्टर, तीन कारतूस की खाली डब्बी, एक हथकड़ी, वेव ब्लॉकर, जीपीएस डिटेक्टर बरामद कर चुकी है।


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