बाराबंकी के एक युवक आलोक द्विवेदी के खुद को रेलवे से जुड़े महत्वपूर्ण पदों पर बताने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने बाराबंकी निवासी आलोक द्विवेदी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय रेल मंत्री को शिकायत भेजी है। परिषद ने मामले की गहन जांच की मांग की है। शिकायत में परिषद ने आरोप लगाया है कि आलोक द्विवेदी स्वयं को ‘रेलवे सलाहकार’ और ‘भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सलाहकार’ बताते हैं। इसी आधार पर वह विभिन्न सरकारी कार्यालयों, पुलिस प्रशासन और अधिकारियों के संपर्क में रहते हैं। परिषद का दावा है कि इससे आम लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। परिषद ने अपनी शिकायत में यह भी बताया है कि युवक अपने निजी वाहन पर अशोक स्तंभ की नेम प्लेट का उपयोग करता है। यह नेम प्लेट आमतौर पर केवल अधिकृत सरकारी वाहनों पर ही लगाई जाती है। इसके अतिरिक्त, आलोक द्विवेदी सोशल मीडिया पर रेलवे परिसरों के निरीक्षण, अधिकारियों के साथ बैठकों और कथित प्रोटोकॉल से संबंधित तस्वीरें व वीडियो साझा करते हैं। इन गतिविधियों को भी शिकायत में शामिल किया गया है। विश्व हिंदू रक्षा परिषद के अनुसार, आलोक द्विवेदी पहले उनके संगठन से जुड़े थे, लेकिन बाद में उन्हें संगठन से हटा दिया गया था। इसके बाद उनकी सार्वजनिक गतिविधियों और दावों पर संगठन ने आपत्ति जताई है। शिकायत की प्रतियां प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, संबंधित विभागों और जिला प्रशासन को भी भेजी गई हैं। फिलहाल, विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने औपचारिक शिकायत दर्ज करा दी है। वहीं, आलोक द्विवेदी अपने दावों पर कायम हैं। इस पूरे मामले की वास्तविक स्थिति प्रशासनिक और विभागीय जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
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