चित्रकूट में कोषागार घोटाले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जिले में 2014 से 2019 तक तैनात रहे रिटायर्ड वरिष्ठ कोषाधिकारी कमलेश कुमार से पूछताछ की है। उनसे दो दिन पूर्व कोषागार विभाग में ही भुगतान प्रक्रियाओं और उनके कार्यकाल के रिकॉर्ड खंगाले गए। एसआईटी ने कमलेश कुमार के सामने वर्ष 2018 के रिकॉर्ड रखे, जिनमें पेंशनभोगियों के खातों में भेजी गई धनराशि, डिजिटल हस्ताक्षर और कुछ बदले गए खाता नंबरों का विवरण शामिल था। इस पर कमलेश कुमार ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्हें इन मामलों की कोई जानकारी नहीं है। जांच टीम ने उनके बयान और उनके कार्यकाल के दौरान हुए भुगतानों को रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है। पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कोषागार घोटाला मामले में जांच टीम के सामने प्रतिदिन नए सवाल आ रहे हैं। विभागीय अधिकारियों की भूमिका से लेकर पेंशनभोगियों और बिचौलियों के रिकॉर्ड की गहनता से जांच की जा रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि जांच धीमी गति से चल रही है, लेकिन सही दिशा में आगे बढ़ रही है। जांच के दौरान कुछ बैंक खातों के स्टेटमेंट नहीं मिल पाए हैं, जिसके बाद अब विशेषज्ञों और बड़े बैंक अधिकारियों से संपर्क किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने उम्मीद जताई कि इस मामले में जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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