बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह के निर्देश पर अपराध विवेचना को अधिक वैज्ञानिक, पारदर्शी और साक्ष्य-आधारित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। पुलिस लाइन बुलंदशहर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट आरक्षियों के लिए फॉरेंसिक/फील्ड यूनिट की टीम ने फॉरेंसिक विषयों पर एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आरक्षियों को अपराध स्थल पर उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्यों के महत्व से अवगत कराना था। साथ ही, उन्हें इन साक्ष्यों के सुरक्षित संकलन, संरक्षण और न्यायालय में प्रस्तुतिकरण की सही प्रक्रिया की जानकारी प्रदान की गई। प्रशिक्षण के दौरान अपराध स्थल प्रबंधन (Crime Scene Management), फॉरेंसिक साक्ष्यों की पहचान, संग्रहण, पैकेजिंग, सीलिंग और चेन ऑफ कस्टडी जैसी प्रक्रियाओं को उदाहरणों के माध्यम से विस्तारपूर्वक समझाया गया। फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि विवेचना के दौरान की गई छोटी-सी लापरवाही किस प्रकार महत्वपूर्ण साक्ष्यों को नष्ट कर सकती है। इससे अभियोग की मजबूती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कार्यक्रम में डीएनए, फिंगरप्रिंट, जैविक एवं भौतिक साक्ष्यों सहित आधुनिक फॉरेंसिक तकनीकों के प्रयोग पर भी प्रकाश डाला गया। यह व्याख्यान और व्यावहारिक जानकारी फॉरेंसिक फील्ड यूनिट प्रभारी सारिक बेग, फॉरेंसिक एक्सपर्ट अवनीश कुमार, मुकुल राज और दीपक कुमार द्वारा पुलिस लाइन परिसर में प्रदान की गई।
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