रिंग रोड प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपये के मुआवजे और जमीन बेचने के आरोपों से घिरे लेखपाल आलोक दुबे ने ट्रांसफर रोकने के लिए उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में हाई कोर्ट ने प्रशासन से रिपोर्ट तलब है। भ्रष्टाचार के आरोपी लेखपाल ने डीएम द्वारा साल 2024 में फतेहपुर किए गए ट्रांसफर को हाइकोर्ट में चुनौती दी है। पूर्व के आदेश का दिया हवाला लेखपाल ने कहा कि वर्ष 2024 में उसका फतेहपुर ट्रांसफर किया गया था। इसमें पहले से उसके पास हाईकोर्ट का स्थगन आदेश है। हालांकि इस दौरान लेखपाल ने बिल्हौर तहसील ट्रांसफर की जानकारी दी गई। जबकि हाईकोर्ट ने पूर्व में दिए आदेश में किसी और जनपद में स्थानांतरण पर स्थगन आदेश दिया था। मामले में एडीएम एफआर डाॅ.विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि लेखपाल ने ट्रांसफर आदेश के खिलाफ हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिला प्रशासन तथ्यों के साथ हाईकोर्ट में पक्ष रखेगा। 2024 में हुई थी शिकायत बताते चलें कि लेखपाल पर अधिवक्ता संदीप सिंह ने दिसंबर 2024 में शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि तत्कालीन कानूनगो आलोक दुबे ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनकी चार बीघा जमीन बेच दी है। जांच में आलोक दुबे की संलिप्तता उजागर हुई, जिसके बाद फरवरी 2025 में उन्हें निलंबित कर एडीएम न्यायिक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई।
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