गोंडा जिले के जिला पंचायत सभागार में अवध संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में अवध संस्कृति और सूकर खेत पर चर्चा हुई। समिति के अध्यक्ष महेश कुमार सिंह, प्रख्यात साहित्यकार डॉ. सूर्यपाल सिंह, प्रवक्ता जितेंद्र शुक्ला और कवि विशाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। सेमिनार के समापन पर अवध संस्कृति उत्कर्ष समिति भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश कुमार सिंह ने कर्नलगंज का नाम बदलकर ‘सूकर खेत’ करने की मांग उठाई। इस मांग को कार्यक्रम में उपस्थित हजारों लोगों का समर्थन मिला। कार्यक्रम के दौरान गोंडा, अवध और अयोध्या के इतिहास पर विस्तृत जानकारी दी गई। वक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि जहां अवध की चर्चा होगी, वहां गोस्वामी तुलसीदास की भी चर्चा होगी। उन्होंने गोंडा को गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली घोषित करने की मांग को हर हाल में पूरा करने की बात कही। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि गोंडा एक ऐतिहासिक धरती है, और आज लोग अपनी संस्कृति को भूल रहे हैं। उन्होंने संस्कृति को याद रखने और उस पर चलने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसके लिए यह सेमिनार आयोजित किया गया था। इस अवसर पर तीन पुस्तकों का भी लोकार्पण किया गया, जिनमें गोंडा, अयोध्या और हमारी संस्कृति का जिक्र है। वहीं, कार्यक्रम में पहुंची जानकी शरण द्विवेदी ने ऐसे राष्ट्रीय सेमिनारों के आयोजन को महत्वपूर्ण बताया, ताकि लोग अपने इतिहास और संस्कृति के बारे में जान सकें। उन्होंने कहा कि यह पूरा क्षेत्र ‘सूकर क्षेत्र’ है और इसका वर्णन इतिहास में भी है। द्विवेदी ने उम्मीद जताई कि यहां से उठी मांगें पूरी होंगी और गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली की घोषणा भी की जाएगी।
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