रायबरेली के डलमऊ विकास क्षेत्र के कुंडवल गांव में ग्रामीणों ने विकास कार्यों की कमी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों ग्रामीणों ने सड़कों पर उतरकर ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ और ‘नेताओं का प्रवेश वर्जित है’ जैसे नारे लगाए। ग्रामीणों के अनुसार, पिछले 15 वर्षों से गांव में विकास की स्थिति दयनीय बनी हुई है। ग्राम सभा की कुल आबादी लगभग 3000 से 3500 है, जिसमें दो राजस्व गांव और दो पुरवे शामिल हैं। यहां सामान्य, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग निवास करते हैं। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण सहित चौतरफा विकास के लिए विधायक से लेकर जिलाधिकारी तक कई बार प्रार्थना पत्र दिए हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव से पहले हर बार विरोध प्रदर्शन किया जाता है और अधिकारी व नेता केवल चुनाव बहिष्कार रोकने के लिए आश्वासन देते हैं। हालांकि, इस बार उन्होंने ग्राम सभा में किसी भी राजनीतिक दल के नेता के प्रवेश पर रोक लगाने और चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। पूर्व ग्राम प्रधान के मुताबिक, आबादी के अनुपात में ग्राम सभा के विकास के लिए मिलने वाला बजट कम है, जिसके कारण गांव का पूर्ण विकास संभव नहीं हो पाता है।
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