रायबरेली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को निरस्त कर ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन, ग्रामीण विधेयक’ लाए जाने के विरोध में किया गया। कांग्रेस इसे मनरेगा को कमजोर करने और महात्मा गांधी का अपमान मानती है। कांग्रेस पार्टी रायबरेली के जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। इसमें सभी विधानसभाओं के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शनकारी तिलक भवन से हाथी पार्क तक मार्च निकालते हुए पहुंचे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार से मनरेगा को निरस्त करने के आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की। उनका आरोप है कि नया विधेयक ग्रामीण गरीबों के रोजगार के अधिकार को प्रभावित करेगा। जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी ने बताया कि यह प्रदर्शन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर आयोजित किया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबों के रोजगार के अधिकार की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देशभर में इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करा रही है। आपको बताते चले कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत सन 2007 से जमीनी स्तर पर की गई जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे बेरोजगार लोग अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए बाहर दूसरे प्रदेशों में काम की तलाश में जा रहे थे जिसके चलते गांव में ही रोजगार देने का फैसला करते हुए इस योजना को लागू किया गया। जिस योजना के तहत 1 वर्ष में 100 दिन लगातार मनरेगा योजना के तहत ग्रामीणों को कार्य दिया जाएगा और उसके बदले धनराशि उनके खाते में दी जाएगी। जिस योजना के तहत लॉकडाउन के समय गांव की ग्रामीण जनता को इसका फायदा भी मिला लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को फ्लॉप करने की कोशिश की जा रही है। इस योजना के तहत 90% केंद्र सरकार व 10% राज्य सरकारें देती है, इस योजना से ग्राम सभा में भी विकास की गंगा बहाई गई है।
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