रायबरेली में गल्ला मंडी स्थित रेलवे ओवरब्रिज जल्द ही आम जनता के लिए फिर से खुल जाएगा। इसके जीर्णोद्धार के लिए शासन ने 1 करोड़ 35 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है। पुल लगभग पांच महीने पहले गड्ढे होने के कारण बंद कर दिया गया था, जिससे आवागमन बाधित हो गया था। पुल में दरारें और गड्ढे पाए जाने के बाद सेतु निगम और पीडब्ल्यूडी ने इसकी तकनीकी जांच की थी। जांच रिपोर्ट में पूरे सेतु की मरम्मत की आवश्यकता बताई गई थी। बजट की कमी सामने आने पर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने इसमें रुचि ली और शासन से धनराशि की स्वीकृति प्राप्त की। पुल बंद होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए उन्हें 5 किलोमीटर दूर त्रिपुला चौराहे या डिग्री कॉलेज चौराहे से होते हुए रतापुर तक जाना पड़ता था। यह पुल प्रयागराज, अयोध्या और लखनऊ जैसे महत्वपूर्ण जिलों के राजमार्गों को जोड़ता है। यह पुल 11 नवंबर 2011 को बसपा सरकार के कार्यकाल में लोकार्पित किया गया था। उस समय केंद्र में कांग्रेस और उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार थी, जिसके चलते लोकार्पण को लेकर राजनीतिक तनातनी भी हुई थी। इस पुल का मुख्य उद्देश्य रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम से निजात दिलाना था। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश सेतु निगम द्वारा लगभग 17 से 20 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया था। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने बताया कि उत्तर प्रदेश सेतु निगम दो सप्ताह के भीतर मरम्मत का काम शुरू कर देगा। उम्मीद है कि जल्द ही आम लोगों को आवागमन में हो रही दिक्कतों से छुटकारा मिल जाएगा।
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