बलरामपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने राम मिष्ठान भंडार की रसमलाई को असुरक्षित घोषित किया है। गोरखपुर स्थित खाद्य विश्लेषक की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रसमलाई में मानक दूध उत्पादों के बजाय स्किम्ड मिल्क और रासायनिक मिश्रण का उपयोग किया गया था, जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यह रिपोर्ट 10 अक्टूबर 2025 को जारी की गई थी। रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने दुकान संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सात कार्य दिवस के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो प्रतिष्ठान का लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को हुए निरीक्षण के दौरान दुकान पर रसमलाई उपलब्ध नहीं पाई गई। विभागीय नोटिस में राम मिष्ठान भंडार के पुराने रिकॉर्ड का भी जिक्र है। वर्ष 2021 में लिए गए पेड़ा के नमूने को मेरठ के खाद्य विश्लेषक ने अधोमानक पाया था, जिसके बाद न्याय निर्णयन अधिकारी ने दुकान मालिक पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके अतिरिक्त, जून 2025 में हमसफर रेस्टोरेंट को आपूर्ति किए गए पनीर का नमूना भी अगस्त में गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहा था। सहायक आयुक्त (खाद्य) गिरजेश कुमार दुबे ने बताया कि पनीर और पेड़ा के बाद अब रसमलाई में भी मिलावट पाई गई है। उन्होंने कहा कि पनीर प्रकरण में जुर्माना लगाया जा चुका है और मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया जारी है। रसमलाई मामले में निर्धारित समय के भीतर जवाब न मिलने पर लाइसेंस निलंबन की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। अधिकारियों ने यह भी कहा कि बार-बार मिलावट सामने आने के बावजूद कड़ी कार्रवाई न होने से उपभोक्ताओं के अधिकार प्रभावित होते हैं।
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