अयोध्या में विवाह पंचमी के दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण कर ऐतिहासिक क्षण दर्ज कराया। हालांकि परकोटे के शेषावतार मंदिर सहित छह अन्य मंदिरों पर ध्वज आरोहण नहीं हो सका। अब इन मंदिरों पर ध्वज फहराने के लिए शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा की जा रही है। ध्वज हो चुका पूजन ध्वजारोहण अनुष्ठान के व्यवस्थापक और कारसेवकपुरम स्थित वेद विद्यालय के प्रधानाचार्य आचार्य इंद्रदेव मिश्र ने बताया कि इस बार किसी विशेष समारोह का आयोजन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 21 नवंबर से शुरू पंचदिवसीय अनुष्ठान में सभी सातों मंदिरों के ध्वजों का सामूहिक पूजन किया गया था। पूजन पूरा हो चुका है, अब सिर्फ उनका आरोहण होना बाकी है। जल्द शुभ मुहूर्त में होगा ध्वजारोहण श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मुख्य मंदिर पर ध्वजारोहण के दौरान समारोह की व्यस्तता के कारण अन्य मंदिरों में यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इसलिए सभी ध्वजों का पूजन एक साथ कराया गया था। अब उचित मुहूर्त में उन्हें शिखर पर स्थापित किया जाएगा। जानकारी के अनुसार राम मंदिर के शिखर पर फहराए जाने वाला केसरिया रंग का विशिष्ट ध्वज रामराज्य के प्रतीक चिन्ह ‘कोविदार वृक्ष’, सूर्य देव के प्रतीक तथा ‘ॐ’ के दिव्य चिह्नों से अलंकृत है।राम भक्त उत्सुकता से नए शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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